टीवी रियलिटी शो में स्वयंवर,घरों के झगड़े, गाली गलौज का फंडा अब बासी हो चुका है...अब टेलीविजन के परदे पर शादी से आगे के लेवल की तैयारी है...क्या अब रियलिटी शो के नाम पर नेशनल टेलीविजन पर शिशु के जन्म के ज़रिए टीआरपी बटोरने का बंदोबस्त किया गया है...दो अक्टूबर को शुरू हुआ बिग बॉस सीज़न पांच इसी दिशा में बढ़ता नज़र आ रहा है...इस बार छह महीने की गर्भवती सोनिका कालीरमन मलिक ने प्रतियोगी के तौर पर बिग बॉस में एंट्री लेकर इतिहास बना डाला है...
देश के मशहूर पहलवान रहे मास्टर चंदगी राम की बेटी सोनिका खुद भी पहलवान है...दोहा एशियाई खेलों में 72 किलोग्राम वर्ग में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुकी सोनिका हरियाणा में जन्मी हैं और फिलहाल अमेरिका के कैलिफोर्निया में एनआरआई पति सिद्धार्थ मलिक के साथ रहती हैं...दोनों की शादी 2009 में हुई थी...सिद्धार्थ मलिक खुद भी मार्शल आर्ट में अमेरिका में नेशनल चैंपियन रह चुके हैं...सोनिका टीवी की दुनिया से अनजान नहीं हैं...उन्हें अक्षय कुमार के रियलिटी शो खतरों के खिलाड़ी फियर फैक्टर में भी प्रतियोगी के तौर पर लोग देख चुके हैं....
हां तो लौटते हैं फिर बिग बॉस पर...पिछले सीज़न में इस रियलिटी टीवी शो में टीवी कलाकार सारा ख़ान और अली मर्चेंट की हाउस में ही शादी को खूब प्रचारित किया गया था...हालांकि दोनों की पहले शादी हो चुकी थी लेकिन बिग बॉस के लिए शादी के ड्रामे को दोहराया गया...बिग बॉस का सीज़न चार खत्म होते ही सारा और अली की शादी टूटने की खबरें भी सामने आ गई थीं...पिछली बार हाउस में शादी...तो इस बार क्या सोनिका की प्रैग्नेंसी को भुनाने की तैयारी है...छह महीने के गर्भ के साथ सोनिया की एंट्री लगती तो किसी मार्केटिंग रणनीति का ही हिस्सा है...बिग बॉस का प्रसारण दिसंबर अंत तक चलना है...ऐसे में अगर सोनिका तीन महीने तक खुद को एलीमिनेशन से बचा लेती हैं या खुद ही बीच में प्रोग्राम छोड़ कर जाने का निर्णय नहीं लेती तो क्या शिशु का जन्म हाउस में ही होगा...सोनिका के साथ कॉन्ट्रेक्ट में साफ़ है कि हाउस में उनके नियमित मेडिकल चेकअप और देखरेख का पूरा इंतज़ाम किया जाएगा...दो अक्टूबर को सलमान ख़ान ने भी सोनिका को इंट्रोड्यूस कराते वक्त नसीहत दी थी कि हाउस के अंदर ज़्यादा तनाव नहीं लेना, वरना शिशु की सेहत पर बुरा असर पड़ेगा...इस पर हाज़िर जवाब सोनिका ने कहा था कि तनाव मैं क्यों महसूस करूंगी, तनाव तो दूसरे सदस्यों को होगा...
सोनिका की एंट्री के साथ ही ये बहस ज़ोर पकड़ने लगी है कि क्या आयोजकों और सोनिका का ये फैसला सही है...क्या बच्चे के जन्म जैसे सृष्टि के पवित्र विधान को भी इस तरह तमाशे का ज़रिया बना जायज़ है...ऐसे वक्त में जब परिवार के सदस्यों की सबसे ज़्यादा ज़रूरत होती है, उनसे दूर रहना क्या मानसिक और शारीरिक तौर पर सोनिया के लिए सही है...कया ये आने वाले बच्चे के साथ भी खिलवाड़ नहीं है...क्या ऐसा वक्त आ गया है कि रियलिटी शो के नाम पर कुछ भी दिखाया जा सकता है...क्या मोटी फीस और फेम के लिए प्रतियोगी नितांत निजी जीवन को भी तमाशे का ज़रिया बनने दे सकते हैं...आप क्या कहते हैं...
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क्या आप जानते हैं कि आज अगर रावण जिंदा होता तो अच्छे अच्छे मैनेजमेंट गुरुओं की छुट्टी कर देता...
प्रतियोगियों का एक एक डायलाग लिखा हुआ होता है सारे झगड़े स्क्रिप्ट की देन होते है इस रियलटी शो में कुछ भी रियल नहीं होता है और ना ही सारे काम वो करते है किसी अन्य धारावाहिक की शूटिंग की तरह ये भी एक एक दृश्य शूट किया जाता है बस कलाकार बाहर दुनिया के सामने नहीं आ सकते है उस लिहाज से बच्चे पर कोई दबाव नहीं पड़ने वाला है | इससे ठीक उलटा मामला बेचारी एश्वर्या का है वो छुपा रही है और मीडिया उनकी पेट की ऊंचाई भी नापले पर तुला है अब इसे क्या कहेंगे |
जवाब देंहटाएंअब हम और आप लोग ही तो देखकर इसकी रेटिंग बड़ा रहे हैं, तभी तो इस बार रियलिटी शो का सबसे विकृत चेहरा सामने आया है।
जवाब देंहटाएंये तमाशा पता नहीं कहाँ जाकर रुकेगा.हालाँकि इसमें रिअल शायद कुछ भी नहीं सब कुछ स्क्रिप्टेड ही है.
जवाब देंहटाएंटीआरपी बंटोरने का धंधा है यह।
जवाब देंहटाएंमहाभारत काल में अभिमन्यु ने जन्म से पहले मां के पेट में चक्रव्यूह भेदने की कला सीख ली थी.... यहां मां के पेट में एक बच्चे को नौटंकी.... दिखावे.... एक दूसरे के खिलाफ कुचक्र रचने की शिक्षा मिलेगी.....
सीजन दर सीजन बिग बास में प्रतिभागियों की योग्यता कम होती जा रही है और अब तो इसमें फूहडता से ज्यादा की उम्मीद करना भी बेनामी है पर छह माह की गर्भवती को बिग बास के घर में पहुंचाकर इस माध्यम से टीआरपी बंटोरने की कोशिश अपने आप में गैर वाजिब है।
सच में ये सब बहुत अफसोसजनक लगता है..... टी आर पी के लिए कुछ भी किया जा रहा है.....
जवाब देंहटाएंहम तो तमाशा देख रहें हैं जी.
जवाब देंहटाएंआपकी पोस्ट से अच्छी जानकारी मिली इस
विषय पर.
प्रश्न वाकई में विचारणीय है.
रियलिटी शोज के बारे में ज्यादातर तो यही कहते मिलते हैं कि हमें पसंद नहीं, एकदम झूठा, चिढ़ होती है, लेकिन देखते जरूर नियम से हैं.
जवाब देंहटाएंपते की बात -पैसे के लिए सब कुछ :(
जवाब देंहटाएंहम इसई लिये ये शो देखते नहीं!
जवाब देंहटाएंवैसे जन्म देने का सीन काफ़ी विस्तार से’थ्री इडियट’ में काफ़ी विस्तार से दिखाया गया है। :)
जिनको फूहड़ता, ड्रामा, नकलीपन पसंद है, वहीँ देखते हैं ऐसे प्रोग्राम.... ना हमें पसंद है और ना ही इतना फालतू समय है.... कि अपने कीमती समय को यूँ खराब किया जाए.
जवाब देंहटाएंक्या क्या न दिखा दें, इस टीआरपी के लिये।
जवाब देंहटाएंmujhe ye show pasand tha , par jab se mai ye samajh pai hu ke ye sab already written hai tab se aise serials nahi dekhti mai
जवाब देंहटाएंसमझदार दर्शक क्या इसे अभी भी देखते हैं?
जवाब देंहटाएंआप को दशहरे की हार्दिक शुभकामनाएँ|
जवाब देंहटाएंपैसा जो ना कराए... इन सब को इसी की भूख है.
जवाब देंहटाएंअजीत जी जैसी उत्सुकता मुझे भी है ...
जवाब देंहटाएंपैसे के लिए क्या नहीं करेंगे ये लोंग !
बहुत वाहियात किस्म का शो है ।
जवाब देंहटाएंहम तो देखते ही नहीं ।
रियल्टी शो का चलन आने से बहुत से लोगो को रोजी रोटी मिल रही हैं कुछ उसी तरह जैसे न्यूज़ चॅनल पर विज्ञापन दिखाया जाना .
जवाब देंहटाएंअब बात करते हैं की लोग पैसे के लिये क्या क्या करेगे , धोनी क्या क्या नहीं करते ?? अमिताभ क्या क्या नहीं करते ?? अगर जिन्दगी बिना पैसे के चल जाती तो शायद ही किसी को काम करना पड़ता .
अब जिस को जो काम आयेगा वो वही करेगा . एक गर्भवती पहलवान लड़की अगर पैसा कमाना चाहती हैं तो इस में हर्ज क्या हैं ? अगर वो बच्चे को शो के दौरान जनम दे भी देती हैं तो इस से क्या फरक पड़ेगा ?? हो सकता हैं वो इसीलिये यहाँ आयी हो ताकि जो भी खर्चा हैं वो चॅनल करे .
अगर याद आये तो याद करिये एक ब्रिटिश कलाकार ने अपनी मृत्यु तक को स्पोंसर कर दिया था ताकि उसके बच्चो के लिये अथाह पैसा हो
मुझे वाकई ये समझ नहीं आता की पैसा कामना क्यूँ बुरा हैं अगर वो बिना बेइमानी के कमाया जा रहा हैं . और खुशदीप की पुरानी आदत हैं वो महिला पर बड़ी जल्दी ऊँगली उठा देते हैं इस से पहले प्रियंका के ऊपर भी वो पोस्ट लिख चुके हैं सो आपत्ति दर्ज करना बेकार हैं क्युकी उनको शायद महिला का पैसा कमाना ही गलत लगता हैं हमेशा
और पूरी पोस्ट में कहीं भी प्रतिकार नहीं हैं की शक्ति कपूर जैसे व्यक्ति को जिस के ऊपर स्टिंग तक से ये साबित हो चुका हैं वो यौन शोषण का दोषी हैं को क्यूँ इस शो में रखा गया .
अब ये ना कहे ये तो उन महिला को कहना चाहिये जो उस शो में हैं क्युकी वो सब तो इन जैसो को सही रखना जानती हैं
रचना जी के विचार जानकर अच्छा लगा...
जवाब देंहटाएंकिसी गर्भवती महिला के ऐसे वक्त पर परिवार के सदस्यों से दूर रहने में कोई बुराई नहीं है तो रचना जी का तर्क जायज़ है...
शो के आयोजकों की मेडिकल सुविधाएं अगर घर के सदस्यों के साथ रहकर भावनात्मक और मानसिक रूप से संबल दिए जाने पर भारी हैं तो रचना जी का तर्क जायज़ है...
अमेरिका के कैलिफोर्निया में पति के साथ वेल सेटल्ड महिला का सृष्टि के विधान की प्लानिंग के साथ सिर्फ पैसे के लिए नुमाइश करना स्वालंबन है तो रचना जी का तर्क जायज़ है...
अगर मैंने कभी किसी पुरुष या संस्थान के खिलाफ आलोचनात्मक पोस्ट नहीं लिखी तो रचना जी का तर्क जायज़ है...
हर मुद्दे को महिला-पुरुष के नज़रिए से ही देखा जाना चाहिए तो रचना जी का तर्क जायज़ है...
अब घास हमेशा हरी ही नज़र आए तो क्या करूं, चाहे सावन हो या न हो...
जय हिंद...
किसी गर्भवती महिला के ऐसे वक्त पर परिवार के सदस्यों से दूर रहने में कोई बुराई नहीं है तो रचना जी का तर्क जायज़ है...
जवाब देंहटाएंकितनी ही मजदूर औरते सडको पर बच्चे जनती हैं , जनपथ पर हुई जच्चगी भूल गये क्या या , अस्पतालों के बहर वरांडे में बच्चा पैदा होता हैं , ये याद हैं या बच्चा होता ही सड़क पर फ़ेंक दिया जा ता हैं क्यूँ गरीबी , पैसा ना होना
परिवार का महातम रोटी से बड़ा नहीं होता
शो के आयोजकों की मेडिकल सुविधाएं अगर घर के सदस्यों के साथ रहकर भावनात्मक और मानसिक रूप से संबल दिए जाने पर भारी हैं तो रचना जी का तर्क जायज़ है...
जहां पुरुष बाहर काम करते हैं और महिला कहीं और वहाँ क्या होता हैं , आज कल ना जाने कितनी गर्भवती महिला ८ मॉस तक काम करती हैं ताकि बच्चा होने के बाद आराम कर सके
अमेरिका के कैलिफोर्निया में पति के साथ वेल सेटल्ड महिला का सृष्टि के विधान की प्लानिंग के साथ सिर्फ पैसे के लिए नुमाइश करना स्वालंबन है तो रचना जी का तर्क जायज़ है...
किसी भी अमीर पर ऊँगली उठाना महज इसलिये क्युकी उसके पास हम से ज्यादा हैं कितना सही हैं सोचिये , ये उन पति पत्नी का मामला हैं और आप के पास क़ोई साक्ष्य हैं की वो पति वेल सेटल ही हैं , मंदी के दौर में अमेरिका में कौन सैटल हैं ये अखबार पढ़ ले
हो सकता है एक माँ अपना और बच्चे का भविष्य सुधार रही हो
अगर मैंने कभी किसी पुरुष या संस्थान के खिलाफ आलोचनात्मक पोस्ट नहीं लिखी तो रचना जी का तर्क जायज़ है...
कितनी लिखी हैं पता नहीं क्युकी जब भी किसी महिला को पैसा कमाते देखते हैं आप तुरंत उनके उपार पैसा कमाने को ले कर आक्षेप लगा देते हैं
अब गर्भवती केवल महिला ही होगी पुरुष नहीं और अपने और अपने बच्चे के सुरक्षित भविष्य के लिये वो महिला जिम्मेदार हैं वो पैसा कमाये ये उसकी मर्जी क्युकी पिता को ९ महीने ऐसा क़ोई फैसला करना पडे इस की नौबत ही नहीं आती हैं
हर मुद्दे को महिला-पुरुष के नज़रिए से ही देखा जाना चाहिए तो रचना जी का तर्क जायज़ है...
हर मुद्दे को महिला - पुरुष की के नज़रिये से देख कर ही ये सब पोस्ट आती हैं क्युकी महिला के लिये माँ बनना यानी ९ महीने शिशु को पेट में रखना एक सजा नहीं हैं और ये बात साइंस भी मानती हैं की काम करने से क़ोई नुक्सान नहीं होता
अब घास हमेशा हरी ही नज़र आए तो क्या करूं, चाहे सावन हो या न हो...
सावन हो क्या क़ोई भी मौसम हो अगर औरत पर टार्गेट करके लिखेगे को घास खिलाने आना ही पड़ेगा
यह निजता से जुडा मुद्दा है,जिसमे प्राथमिकता तय करने का प्रतियोगियों को उतना ही अधिकार है जितना दर्शकों को चैनल बदलने का। वैसे अर्थव्यवस्था के वैश्वीकरण के इस दौर में सब कुछ 'सेलेबल' है।
जवाब देंहटाएंनजर भी अपनी नजरिया भी अपना, और ये सबका एक जैसा तो हो नहीं सकता ।
जवाब देंहटाएंबाजारवाद जो ना करा दे !
जवाब देंहटाएंशो हिट करने के लिये कुछ प्रबंध तो करना ही पड़ेगा.
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