आज केवल फ़ोटो ? चुनाव अच्छा है। यह सब काम जिस ज़मीन पर हो रहे हैं, उसकी तारीफ़ में चंद लाइनें पेशे-खि़दमत हैं।
आओ कुछ ऐसे काम करते हैं देस का अपने नाम करते हैं दुश्मनों को भी राम करते हैं सर झुका कर सलाम करते हैं मां तुझे हम सलाम करते हैं
तेरी ज़ीनत हैं साबिर ओ चिश्ती शान हैं तेरी गौतम ओ गांधी मादरे हिन्द अज़्मतों का तेरी दिल से हम अहतराम करते हैं मां तुझे हम सलाम करते हैं मां तुझे हम सलाम करते हैं
अद्भुत तसवीरें हैं खुशदीप जी .... ये ललित भाई साहब आजकल बन्दुक चलाने की ट्रेनिंग दे रहे हैं क्या ...? इससे बूढी बिल्लियों को काफी फायदा होगा जिन्हें ये चकमा देकर भाग जाते थे ....): आखिरी वाली में खींचने वाले की तत्परता कमाल की है .... डॉ साहब की बात से सहमत हूँ ....):
आज केवल फ़ोटो ?
जवाब देंहटाएंचुनाव अच्छा है।
यह सब काम जिस ज़मीन पर हो रहे हैं, उसकी तारीफ़ में चंद लाइनें पेशे-खि़दमत हैं।
आओ कुछ ऐसे काम करते हैं
देस का अपने नाम करते हैं
दुश्मनों को भी राम करते हैं
सर झुका कर सलाम करते हैं
मां तुझे हम सलाम करते हैं
तेरी ज़ीनत हैं साबिर ओ चिश्ती
शान हैं तेरी गौतम ओ गांधी
मादरे हिन्द अज़्मतों का तेरी
दिल से हम अहतराम करते हैं
मां तुझे हम सलाम करते हैं
मां तुझे हम सलाम करते हैं
हा हा!! जब तस्वीरें बोलें तो खुद चुप रहना ही बेहतर!!
जवाब देंहटाएंएक से बढ़कर एक.
जवाब देंहटाएं"ला-जवाब" जबर्दस्त!!
जवाब देंहटाएं"ला-जवाब" जबर्दस्त!!
"ला-जवाब" जबर्दस्त!!
"ला-जवाब" जबर्दस्त!!
अपने कहने के लिए कुछ बाकी रहा ही नहीं।
जवाब देंहटाएंवाह! तश्वीरें खुद बोलती हैं।
जवाब देंहटाएंआज तो मैं भी समीर जी की बातों से पुर्णतः सहमत हूँ की...
जवाब देंहटाएंजब तस्वीरें बोलें तो खुद चुप रहना ही बेहतर!!
शानदार पोस्ट की शानदार कमेन्ट ...
तश्वीरें बोलती हैं,
जवाब देंहटाएंराज खोलती हैं।
बहुत खूब, "पामोलिव दा तो जवाब नही"
हा हा हा
वाकई अद्भुत...
जवाब देंहटाएंअपने आप में पोस्ट जैसी तस्वीरें।
जवाब देंहटाएंकहाँ-कहाँ से छांट लाते हैं आप भी?
जवाब देंहटाएंपांच की महिमा न्यारी
जवाब देंहटाएंपांच से रची है सृष्टि सारी
पंजे से बनती मुट्ठी भारी
पांच तस्वीरें ही आपने उतारी
इसलिये ये पोस्ट आपकी बन गई न्यारी
कि सब चुप हैं,कह रहें है की तस्वीरें बोलती हैं.
आपही कुछ बोलो खुशदीप भाई.
यह शरारत किसने सुझाई
'शरद पंवार' तो नहीं हो सकते.
पोस्ट की पावर ?
जवाब देंहटाएंबड़े गजब की फोटू लाये हैं..
जवाब देंहटाएंshanti main hi shakti hai.....
जवाब देंहटाएंjai baba banaras......
कल अपना भी कमेन्ट देने का मूड नही था। क्या कहने तस्वीरों के। शुभकामनायें।
जवाब देंहटाएंसब की सब तस्वीरें कमाल की है ... वैसे तस्वीरो में यह खासियत होती है ... बिना बोले ही बहुत कुछ बयां कर देने की !
जवाब देंहटाएंइस लिए ही हम ने भी एक ब्लॉग बनाया हुआ है सिर्फ़ तस्वीरो के ही नाम ...
जय हिंद !
भाई, मक्खन की बेब्बे को क्यों हटा दिया?
जवाब देंहटाएंतस्वीरें खींचने वाले की दाद देता हूँ । विशेषकर दूसरी और आखिरी में क्षण की तत्परता कमाल की है ।
जवाब देंहटाएंअद्भुत तसवीरें हैं खुशदीप जी ....
जवाब देंहटाएंये ललित भाई साहब आजकल बन्दुक चलाने की ट्रेनिंग दे रहे हैं क्या ...?
इससे बूढी बिल्लियों को काफी फायदा होगा जिन्हें ये चकमा देकर भाग जाते थे ....):
आखिरी वाली में खींचने वाले की तत्परता कमाल की है ....
डॉ साहब की बात से सहमत हूँ ....):
अरे हम तो मंखन की बेबे को देखाने आये थे, आप ने सुंदर चित्र दिखा दिये , धन्यवाद
जवाब देंहटाएं@राज भाटिया जी, @नीरज जाट महाराज,
जवाब देंहटाएंमक्खन की बेबे ने गलती से देशनामा का कुंडा खटका दिया था...उसे मिलना है तो नीचे वाले लिंक पर जाना होगा...
मक्खन की बेबे (मां) गुम हो गई...Khushdeep
जय हिंद...