अजी यह कुदरत का कोई करिश्मा नही...इंसान का करिश्मा हे:) यह बच्चे मार्जीपान( बादाम के आटे) से बने हे, ओर यहां बिकते हे, वैसे तो मार्जिपान खाने मे बहुत स्वादिष्ट होता हे, लेकिन मुझे नही लगता कि लोग इन आकृतियो को खाते हो, वैसे इन क्रिशमिश के त्योहारो पर सजाने के लिये काम मे लाते हे,या फ़िर अन्य धार्मिक मोको पर.
ये स्वस्थ तो हैं न ? मुझे अभी परसों गोरखपुर के पास पांच बच्चों के प्रसव की घटना की याद आ गयी -पाँचों बच्चे स्वस्थ थे !मगर भाटिया जी श्याद असली बात कह रहे हैं !
कल का इंतजार है और रहेगा फिर कुछ कहना चाहेंगे ,अभी तो यही सोच रहें हैं की कितना बदल गया इंसान, कितना छोटा होता जा रहा है इंसान ,कहीं एकदिन इंसान गुम ही ना हो जाय....?
काफी पहले ईमेल से ऐसे चित्र मिले थे जिनमें बताया गया था कि ये जीते-जागते बच्चे नहीं बल्कि कुकीज़ हैं...तब विश्वास नहीं होप रहा था आज भाटिया जी ने पूरी बात बता दी
अजी यह कुदरत का कोई करिश्मा नही...इंसान का करिश्मा हे:) यह बच्चे मार्जीपान( बादाम के आटे) से बने हे, ओर यहां बिकते हे, वैसे तो मार्जिपान खाने मे बहुत स्वादिष्ट होता हे, लेकिन मुझे नही लगता कि लोग इन आकृतियो को खाते हो, वैसे इन क्रिशमिश के त्योहारो पर सजाने के लिये काम मे लाते हे,या फ़िर अन्य धार्मिक मोको पर.
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंएक मिनट पहले ही भाटिया साहब ने राज खोल दिया...
जवाब देंहटाएंअच्छी कलाकृतियां हैं, शायद ये मोम की बनतीं हैं
जवाब देंहटाएंअपना ब्लॉग का नया रूप
प्रकृति में सारे करिश्मे इंसान ही करता है।
जवाब देंहटाएंये स्वस्थ तो हैं न ? मुझे अभी परसों गोरखपुर के पास पांच बच्चों के प्रसव की घटना की याद आ गयी -पाँचों बच्चे स्वस्थ थे !मगर भाटिया जी श्याद असली बात कह रहे हैं !
जवाब देंहटाएंohhhhhhhhhhhhhh.. khush dip ji bs khuaa kare bchcha svsth or khush rahe or khushiyon ke dip jlaata rahe . akhtar khan akela kota rajsthan
जवाब देंहटाएंकल का इंतजार है और रहेगा फिर कुछ कहना चाहेंगे ,अभी तो यही सोच रहें हैं की कितना बदल गया इंसान, कितना छोटा होता जा रहा है इंसान ,कहीं एकदिन इंसान गुम ही ना हो जाय....?
जवाब देंहटाएंबहुत खूब ....
जवाब देंहटाएंकाफी पहले ईमेल से ऐसे चित्र मिले थे जिनमें बताया गया था कि ये जीते-जागते बच्चे नहीं बल्कि कुकीज़ हैं...तब विश्वास नहीं होप रहा था
जवाब देंहटाएंआज भाटिया जी ने पूरी बात बता दी
जो भी है अद्भुद है ! ऐसी कुकीज़ को कैसे खाते होंगे लोग !!
जवाब देंहटाएंखुशदीप भाई क्या राज भाटिया जी, राजीव तनेजा जी ने सब पोल खोल दी है? लेकिन ,फोटो बहुत अच्छे हैं.अब आगे इंतजार है आपके खुश वक्तव्य की .
जवाब देंहटाएंमॉडल हैं, भविष्यवाणी नहीं।
जवाब देंहटाएंराज तो खुल गया है, अब कल क्या होगा पोस्ट पर?
जवाब देंहटाएंमैंने भी पहले देखे हैं यह चित्र... अच्छी कलाकारी है.
जवाब देंहटाएंचित्र तो ठीक हैं । ऐसा ही एक मेरी पुरानी पोस्ट पर भी है । अलबत्ता चौंकाने वाले राज में शायद कुछ विशेष हो ।
जवाब देंहटाएंbap re bap.....post dekhkar chakkar aa gaya......lekin tippani ne sambhala........
जवाब देंहटाएंpranam.
वाह बहुत सुन्दर चित्र हैं……………भाटिया जी ने सारा राज खोल दिया नही तो सोच मे पड गये थे कि सच है या भ्रम्।
जवाब देंहटाएंभाटिया जी कह रहे हैं तो सही ही होगा ।
जवाब देंहटाएंवैसे तीन महीने का फीटस भी शायद इतना ही होता है । मैडम जी से कन्फर्म करना पड़ेगा भाई ।
राज जी ने राज को राज न रहने दिया. :)
जवाब देंहटाएंराज भाटिया जी राज तो खोला पर संक्षिप्त , सो आपकी पूर्ण जानकारी वाली पोस्ट का इंतजार रहेगा
जवाब देंहटाएंअब कल का इंतज़ार ... वैसे राज भाई का आभार !
जवाब देंहटाएंजय हिंद !
इतनी सुन्दर और स्वाभाविक कलाकृतियां हैं, कि अपने पास सहेजने का जी करे.
जवाब देंहटाएंअच्छी तस्वीरें।
जवाब देंहटाएंअब अगर राज भाटिया जी ने कुछ नहीं बताया होता तो मेरा कमेंट होता, 'प्यारे बच्चे'
आपकी कल की पोस्ट का इंतजार रहेगा
बच्चा कैसा भी हो
जवाब देंहटाएंपर मन सच्चा मिलेगा
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