पैदा होते ही बेटियों को मार देना चाहिए...खुशदीप



पैदा होते ही बेटियों को मार देना चाहिए...ये बयान उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी की पत्नी सलमा अंसारी ने दिया है...अब इस बयान के बाद ज़रा गौर फरमाइए कल यानि ग्यारह फरवरी को देश के अलग-अलग शहरों में घटी चार घटनाओं पर...

दिल्ली

देश के दिल माने जाने वाली दिल्ली के सेंटर-पाइंट नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर दिन चढ़ते ही 22-23 साल की लड़की की लाश एक बैग से मिली...एक चश्मदीद के मुताबिक एक पुरुष और एक महिला ऑटो से आए और बैग को वहां छोड़कर चले गए...चश्मदीद ने यही समझा कि शायद वो बैग भूल गए...लेकिन थोड़ी देर में ही बैग से ख़ून निकलना शुरू हो गया तो सबका माथा ठनका...पुलिस ने आकर बैग खोला तो देखने वाले सभी सन्न रह गए...

ग्रेटर नोएडा


दिल्ली से सटे ग्रेटर नोएडा में एक युवती से बलात्कार की कोशिश की गई...नाकाम रहने पर युवती को ज़हर की गोलियां दे दी गईं...युवती अब अस्पताल में ज़िंदगी और मौत के बीच झूल रही है...

जबलपुर

जबलपुर में एक नाबालिग लड़की से बलात्कार की कोशिश में नाकाम रहने पर उसको आग लगा दी गई...

लखनऊ

लखनऊ में एक सिरफिरे आशिक ने इकतरफ़ा प्रेम में नाकाम रहने पर लड़की को गोली मार कर उसकी जान ले ली...बाद में खुद को भी गोली मार ली...अब लड़के का अस्पताल में इलाज चल रहा है...सबसे ज़्यादा दुखद ये है कि लड़का सिर्फ बारहवीं क्लास का छात्र है...

अब आप क्या कहेंगे कि सलमा अंसारी ठीक कह रही हैं या गलत...या फिर हमारा समाज, हमारा सिस्टम सब नकारा है जो विकसित देश होने के तमाम दावे करे लेकिन मानसिकता में अब भी मध्ययुगीन काल में जी रहा है...ये सही है कि पांचों उंगलियां बराबर नहीं होती...बेटियों को माथे का गौरव मानने वालों की भी कमी नहीं...लेकिन हमारे देश में एक जगह भी किसी लाडली के साथ एक भी ऐसी घटना होती है तो शर्म से माथा हम सभी का झुक जाना चाहिए...

लीजिए सुनिए नारी-शक्ति पर ये गीत...


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21 टिप्पणियाँ
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  1. Haan Kushdeep bhai,haan,ye manjar bahut hi bhayanak hai.Per kya kare vishad ka jawalamukhi
    har aur phoot ta najar aa raha hai.Iska hal to keval vishad yog me hi samaz aata hai.Kaas! shuru se hi vishad yog apnate hote to jahar itna na phialta.

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  2. खुशदीप भाई हमे किसी की भी टांग खींचने की बुरी आदत हे, मै तो सलमा अंसारी जी की बात से सहमत हुं कि अगर हमारी सरकार हमारी बेटियो को सुरक्षा प्रदान नही कर सकती तो....., अब इस देश मे किस की बेटी सुरक्षित हे? घर से निकली किसी नेता के हरामी बेटे की नजर पड जाये तो कर लो जो करना हे? किसी पुलिस की हरामी ओलाद की नजर पड जाये, किसी नेता के नाजायाय ओलाद रुपी गुंडे की नजर पड जाये, या किसी ओर भेडिये की नजर पड जाये तो आप क्या करेगे? आप को ना न्याय मिलेगा, ना कोइ सुरक्षा, बस जिल्लत मिलेगी ज्यादा बोले तो आरुषि कांड की तरह से ही सारे सबूत मां बाप को दोषी करार करने के लिये तेयार कर देगे... इस से अच्छा तो बेटी को.... मै सहमत हुं सलमा अंसारी जी की बात से, जिस समाज मे सर ऊठा कर इज्जत से जीना हराम हो वहां जिंदा रहने का क्या लाभ

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  3. दुर्भाग्यपूर्ण परिस्थितियाँ हैं।

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  4. जब तक जुल्म ढाने वालों को सरे आम गोली से उड़ाने का प्रावधान नहीं रखा जायेगा ये सब होता रहेगा...किसी को किसी का डर ही नहीं रह गया है अब...
    .हमारे अन्दर का वेह्शी जानवर मौका मिलते ही बाहर आने लगता है...

    नीरज

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  5. सब ठीक है मगर स्रष्टि का फिर क्या होगा ? (मोबाईल)

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  6. सबकी अपनी अपनी सोच है मगर बेटियों की सुरक्षा की गारटी तो होनी चाहिये ……समझ नही आता किसे दोष दें समाज को, सरकार को, हालात को या खुद को………जो हम मूक दर्शक बन सब देखते रहते हैं।

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  7. उपराष्ट्रपति जी कि पत्नी का ये बयान किस सन्दर्भ में है ये नहीं बताया आपने? वो गंभीरता ये बात कह रही हैं या फिर उनका व्यंगात्मक लहजा है ये बात साफ नहीं हुई.

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  8. बयान कुछ भी हो पर लड़की और असुरक्षा एक से ही शब्द लगते है

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  9. बयान से पता चलता है कि व्यवस्था के प्रति सर्वोच्च स्तर पर भी अविश्वास का भाव है।

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  10. इस से बड़ा दुर्भाग्य क्या हो सकता है कि एक देश के उपराष्ट्रपति की पत्नी ऐसा बयान दे। फिर अगले ही दिन ऐसी घटनाएँ घटें जो उस बयान की पुष्टि कर दें।

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  11. यदि वाकई में देश के दूसरे सर्वोच्च पद पर बैठे किसी व्यक्ति की पत्नी ये बात कहा रही है किसी भी संदर्भ में तो बहुत हु दुर्भाग्यपूर्ण, और निराशजनक है | एक आम व्यक्ति खास कर महिलाए तो अपनी सुरक्षा को लेकर पहले से ही निराश है यदि उच्चे पद से जुड़े लोग भी ऐसी बाते करेंगे तो ये लड़कियों का हौसला और गिराने वाला होगा | अच्छा होगा की हम दुनिया और आज के माहौल को कोसने के बजाये अपनी बच्चीयो को इस माहौल में भी खुद को सुरक्षित रहना और किसी मुसीबत के समय अपनी रक्षा करना खुद सिखाये उनका हौसला बढ़ाये उन्हें बताये की वो कमजोर नहीं है वो भले शरीर की शक्ति में शायद पुरुषो से कम हो पर अपने हौसले और दिमाग की शक्ति से वो उसे भी हरा सकती है और दुनिया में सम्मानित तरीके से जी सकती है | किसी मुसीबत या समस्या के आगे हार मान कर आत्म्सपर्पण कर देना एक गलत उदाहरण होगा |

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  12. Salma ansari ne jis sandarbh me kaha wo sahi tha.. aadha sach dikhaane ka kya faaida bhaia?

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  13. This what we called Male dominating society. Girls have been suffering because of uncontrolled boys. Instead of killing Boys child every body is justifying Girl Child Killing..

    I can understand the context of discussion .. Killing Boys child is not better solution than Girls child killing.


    मध्ययुगीन पुरुष प्रधान देश , भारत महान !! आप सब सज्जनों की कोई गलती नहीं है !!!
    अच्छा लगता यदि आप लोग कुछ ऐसा सोचते की , लड़कियों की रक्षा करना हर लड़के का धरम है , और एयरटेल पर " SMS करो और ब्लॉग लिखो , पर लडकियों की इज्ज़त की रक्षा करो " जैसी कोई मुहीम चलाने की बात करते !

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