एल्कोहल सभी सवालों का जवाब नहीं होता....मोहनदास कर्मचंद गांधी.
एल्कोहल सभी सवालों का जवाब नहीं होता...लेकिन अगर आपको जवाब नहीं पता तो एल्कोहल सवालों को भुलाने में मदद करता है....विजय माल्या.
स्लॉग ओवर
मक्खन ढक्कन से...बड़ी सर्दी हो रही है यार, चल मच्छी खाते हैं...
ढक्कन...नहीं यार, मच्छी में कांटे होते हैं...
मक्खन...कोई बात नहीं, तू...
...
...
तू... चप्पल पहन कर खा लेना...
गाँधी जी के समकक्ष विजय माल्या???????
जवाब देंहटाएंकलयुग है...कुछ भी हो सकता है...
स्लाग ओवर बढ़िया रहा
माल्या टाईप ही निकला मख्खन भी. :)
जवाब देंहटाएंबढ़िया !
जवाब देंहटाएंबेहतरीन लेखन के बधाई
आपकी पोस्ट की चर्चा ब्लाग4वार्ता पर है-पधारें
हा हा हा………………मक्खन हो या माल्या एक ही बात है।
जवाब देंहटाएंबहुत खूब। माल्या और मखन ही काफी थे गान्धी जी कैसे आ गये बीच मे? शुभकामनायें
जवाब देंहटाएंकहाँ गाँधी जी के तन पर जनहित की वजह से पूरा वस्त्र भी नहीं ,और कहाँ यह माल्या जिसके पास अकूत दौलत जो जनता का अहित किये वगैर हो ही नहीं सकता ,ये अलग बात है की हर अरबपति इसे अपनी मेहनत और लगन से बनायीं गयी दौलत कहता है,जबकि असल सच्चाई यह है की इमानदार,नैतिक ,मेहनती और बेहद लगनशील व्यक्ति इस देश में इज्जत से रह भी नहीं सकता ...इस देश में माल्या की तरह बनना है तो बेईमानी और नैतिक पतन आपकी पहली योग्यता होनी चाहिए...
जवाब देंहटाएंशुक्र है चप्पल पहन के खा रहा है, नहीं तो टून्न लोगो के लिए मछली क्या और चप्पल क्या! चप्पल को ही मछली समझ कर खा जाए, और मदहोशी ऐसी की 'चप्पल खाने के बाद' भी नहीं सुधरे!
जवाब देंहटाएंमल्या के कारण ही तो गांधी जी नीलाम होने से बच गए :)
जवाब देंहटाएं@सीएमप्रशाद,
जवाब देंहटाएंविजय माल्या ने गांधी जी की घड़ी, चश्मा, सैंडल नीलामी में छुड़ा तो लिए थे लेकिन आज तक उन वस्तुओं को भारत सरकार को वापस नहीं किया...जबकि नीलामी यही कह कर लगाई थी कि वो इन वस्तुओं को भारत सरकार को वापस देने के लिए लगाई जा रही है...
जय हिंद...
हा हा हा ! कल टीचर्स डे है ।
जवाब देंहटाएंकहाँ राजा भोज और कहाँ गंगू तेली.... ;-)
जवाब देंहटाएंमेरी ग़ज़ल:
मुझको कैसा दिन दिखाया ज़िन्दगी ने
जो लोग नंगे पाँव चलना नहीं जानते , वे दूसरों का दर्द भी नहीं जान सकते … वैषणव जन तो तेने कहिये जे पीर पराई जाणे रे … यही लोग चाहते है कि लोग अपने दुख दर्द भूल जाये और कोई शिकायत न करें …
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