इससे पहले कि आप इस सवाल पर मेरी क्लास लेना शुरू कर दें, आपको पहले ही बता दूं कि आपको सावधान करने की ये तीसरी और आखिरी कड़ी है...दवाओं की बात हो गई...इयर-बड्स की बात हो गई...आज कुछ और एहतियात...पहले बात करते हैं...सेलफोन की...यानि मोबाइल...महंगे सेल ज़रूर स्टेट्स सिंबल हो सकते हैं लेकिन हक़ीक़त ये है कि सेल आज हर एक की ज़रूरत बन गया है...
आपने कभी गौर किया कि जब आप सेल से बात करते हैं तो बाएं कान पर रखकर सुनते हैं या दाएं कान पर...अभी तक जो करते आए हैं सो ठीक...लेकिन आगे से कोशिश कीजिएगा कि सेल को बाएं कान से ही सुनें...सेल को दाएं कान से सुनने से आपका मस्तिष्क प्रभावित हो सकता है...एक बात और ध्यान रखें, जब आप सेल पर किसी दूसरे को कॉल मिलाएं, तो डॉयल करने के बाद एकदम सेल को कान से नहीं सटा लें...जब आप निश्चित हो जाएं कि दूसरी तरफ़ से किसी ने बात शुरू कर दी है, तभी सेल को कान के नज़दीक लाएं...डॉयलिंग के बाद सेल अधिकतम सिगनल पावर ( 2 watts=33dbi) का इस्तेमाल करता है...ये मैं नहीं कह रहा, अपोलो की रिसर्च टीम का निकाला हुआ निष्कर्ष है...
सेलफोन हो गया...अब बात कुछ खाने-पीने की...
अगर आपको खाने के लिए कोई कुरकुरे पेश करे तो विनम्रता से मना करने की कोशिश कीजिए...कुरकुरे में प्लास्टिक मौजूद होता है...यकीन नहीं आता तो कुरकुरे को जला कर देखिए...आपको खुद ही सच का पता चल जाएगा...ये मैं नहीं कह रहा टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी एक रिपोर्ट का निष्कर्ष है....
एप्पी फिज़ (Appy Fizz) पीने के शौकीन हैं तो इसे तत्काल छोड़ दीजिए...इसमें कैंसर को बढ़ावा देने वाले केमिकल एजेंट होते हैं...
कभी भी कोक या पेप्सी के पीने से पहले या बाद में मेंटोस (MENTOS) न खाएं...ये कंबीनेशन साइनाइड में बदल जाता है...और साइनाइड का मतलब आप जानते ही हैं कि जान के लिए कितना ख़तरनाक होता है...ज़्यादा से ज़्यादा अपने जानने वालों को इन बातों पर जागरूक करें...
अब तो डर ही लगता है...क्या खाए और क्या न खाए...मिलावटी खाद्य पदार्थ पर भी हमलोगों नें इतना दिखा दिया है...की पेट के लिए काम करते हैं पर अब वो भी महफूज नहीं है.
जवाब देंहटाएंwww.anuragbuxar.blogspot.com
एक बार फिर बहुत बहुत धन्यवाद् आपका !
जवाब देंहटाएंजय हिंद !!
कुछ समय पहले पता चला था की दूध और मिठाइयां भी मिलावटी मिल रही हैं. अभी कुछ दिन पहले पता चला की फल और सब्जियों में भी केमिकल हैं. अब भारत में क्या खाएं? या तो फिर अपनी सब्जियां उगायें!
जवाब देंहटाएंaapka kitna shukriya ada karun khushdeep ji...
जवाब देंहटाएंbaar baar kar rahi hun..
bas aap jab thak jaayein to bata dijiyega...
sach mein..
कभी कोका कोला की एक बोतल मै एक गोली (MENTOS) की डाल कर उसे कुछ पल हिलाये, जल्दी से नीचे रखे ओर फ़िर दुर भाग जाये, हां छोटे बच्चो को पहले ही दुर रखे.... फ़िर देखे नाजारा, मोबइल तो मै वेसे भी बहुत कम बरताता हुं, बाकी आप दोबारा बताया कोई भी समान ना खाते है ना पीते है, धन्यवाद इस अच्छी जानकरी के लिये
जवाब देंहटाएंCOKO KOLA ME MENTOS KI GOLI DALNE SE KYA HOGA ????????
हटाएंबाबा रे बाबा ..... खाना पीना बंद करवा के ही मानेंगे आप
जवाब देंहटाएंइधर तो वैसे इतने कम फोन आते हैं और वो भी मोबाईल पर...कि कैसे भी पकड़ लें..खतरा नहीं है. :)
जवाब देंहटाएंइतना ज्यादा केयर...ऐसा भी क्या!!
Best is to use Hands Free ! (Not the bluetooth one !)
जवाब देंहटाएंसमाज में जागरूकता फैलाने के लिए आपका आभार !!
जवाब देंहटाएंएप्पी फिज़ (Appy Fizz)हम पीते नहीं ,मेंटोस (MENTOS)भी कभी खाते नहीं
जवाब देंहटाएंहाँ मोबाइल पर बात करते समय जो गलतियाँ करते थे वे उन्हें सुधारने हेतु आज अभी से आपकी बात पर अमल शुरू :)
चित्र देखकर ही दिमाग का फ्यूज उड़ गया.
जवाब देंहटाएंअभी तक तो दाएं कान में बजाते थे अब बाएं कान में बजाएंगे...
आज से सबको ज्ञान बघार कर गाल भी बजाएंगे.
ये प्लास्टिक वाली बात तो हमारे बच्चे भी बताते हैं । लेकिन कहते हैं मैगी नूडल्स में भी प्लास्टिक होता है ।
जवाब देंहटाएंमेन्टोस तो कभी देखी भी नहीं । लेकिन बड़ी काम की बात बताई है ।
आज तो यही कहेंगे -- शाबाश ।
क्यों डरा रहे हो यार ! अभी यह श्रंखला बंद न करें, नया और बढ़िया प्रयोग है ! ठीक माउस पकड़ने पर भी लिखियेगा ...सुना है कोई भयानक रोग हो जाता है !
जवाब देंहटाएंकृपया ये लिंक देखे.. इन सब बातों के जबाब मिल जाएगा...
जवाब देंहटाएंhttp://www.kenneyjacob.com/2009/02/07/mythbusting-fwd-mails/
http://www.indusladies.com/forums/forward-messages-and-jokes/59759-kurkure-plastic-baseless-rumors.html
http://www.articlesbase.com/low-calorie-articles/kurkure-plastic-and-other-lies-959951.html
http://snopes.com/horrors/freakish/mentos.asp
http://qna.indiatimes.com/index.php?ref=permalinkquestion&question_id=140988
कोका कोला और मेंटोस से साइनाइड नहीं बनाता.. बहुत सी कार्बन डाई ऑक्साइड बनाती है...
ये देखें
http://en.wikipedia.org/wiki/Diet_Coke_and_Mentos_eruption
और ये वीडियो तो बहुत मजेदार है -
http://www.youtube.com/watch?v=hKoB0MHVBvM
इमेल में बहुत सारी बातें घुमती रहती है.. सही भी हो सकती है नहीं भी.. पर जरुरी है की खबर के source तक जाकर सच्चाई का पता लगाएं..
मैंने टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट खोजने की कोशिश की.. नहीं मिली.. अगर आपको मिले तो उसका लिंक जरुर दें..
achchhi jaankari...........:)
जवाब देंहटाएंlekin kya kya na karen.........ab itna soch samajh kar jindagi kaati to nahi ja sakti.......:(
waise aapki baat sach hai.........:)
अब क्या किया जाए-इस्तेमाल तो करना ही पड़ेगा।
जवाब देंहटाएंजय हिंद
आदमी क्या क्या करे.....किस से बचे ,...आदमी तो चेहरा छुपाते ही हैं मशीन भी ऐसा करे तो...
जवाब देंहटाएंहा हां हां ...
क्या बात है !! सुन्दर !!
समय हो तो अवश्य पढ़ें और अपने विचार रखें:
मदरसा, आरक्षण और आधुनिक शिक्षा
http://hamzabaan.blogspot.com/2010/08/blog-post_05.html
हमारे डाटाबेस पर वाइरस का ज़बरदस्त हमला हुआ है और हमारा अनुमान है कि यह किसी टिपण्णी के द्वारा वाइरस भेजने से हुआ है. इस कारण हमारे सर्वर के एंटी वाइरस ने डाटाबेस को उड़ा दिया है, हम बैकअप के द्वारा फिर से डाटा वापिस लाने की कोशिश कर रहे हैं. आपसे भी अनुरोध है की टिपण्णी को जाँच कर ही स्वीकृत करें तथा अपने ब्लॉग पर फोटो भी एंटी वाइरस से जाँच करके ही अपलोड करें. आपका अकाउंट भी इस तरह हैक अथवा समाप्त हो सकता है. कृपया सावधान रहें, आपका अकाउंट बंद करवाने के लिए टिपण्णी में कोडिंग के द्वारा आपके ब्लॉग में वाइरस भेजा सकता हैं.
जवाब देंहटाएंजो लोग चाहते हैं की उनकी पोस्ट तुरंत "हमारीवाणी" में प्रदर्शित हो तो वह .........
अधिक पढने के लिए यहाँ चटका (click) लगाएं!
@रंजन भाई,
जवाब देंहटाएंई-मेल में बहुत कुछ घूमता रहता है...ये सच है...लेकिन एहतियात बरतने में खराबी ही क्या है...कुरकुरे को जलाओ तो वाकई प्लास्टिक जैसा कुछ दिखता है...कंपनी की तरफ से तर्क दिया गया है कि ये स्टार्च कॉर्न की वजह से होता है...तो फिर स्टार्च ही सेहत के लिए कौन सी अच्छी चीज़ है...आपने कैडबरी की बात की...कोक-पेप्सी की बात करें तो वो भी मल्टीनेशनल कंपनी है...कौन डॉक्टर कहेगा, ये कारबोनेटेड ड्रिंक्स सेहत के लिए अच्छे हैं...हमारे देश में इनके अंदर पेस्टीसाइड्स की सीमा से कहीं ज़्यादा मात्रा होने के बावजूद कुछ नहीं हुआ...दरअसल जब इन मल्टीनेशनल कंपनियों पर उंगली उठती है तो ये करोड़ों रुपये डैमेज कट्रोल एक्सरसाइज के तहत एड की भरमार लगा देते हैं। कुरकरे, चिप्स, फास्टफूड खाते हमारे नौनिहाल फूल ज़रूर रहे हों लेकिन साथ ही कई तरह की बीमारियों को भी शरीर में पाल रहे हैं...विदेश में कई जगह स्कूलों की कैंटीन में कारबोनेटेड ड्रिंक्स नहीं बिकने दिए जाते...क्या हमारे देश में ऐसा है...दरअसल ये आर्थिक उपनिवेशवाद की नई चाल है...हमारे देश का खानपान ही बदल दिया जाए और फिर आर्थिक रूप से देश को गुलाम बना लिया जाए...पहले तो अकेली ईस्ट इंडिया कंपनी थी...लेकिन अब कई मल्टीनेशनल कंपनियों की भारत पर नज़र है....इसलिए बेहतर यही है कि हम बच्चों को जंक फूड की जगह रिच और फाइबरस डाइट लेने की आदत डालें...
जय हिंद...
अच्छी जानकारियां हैं.
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी जानकारी दी है……………शुक्रिया।
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंराजभाषा हिन्दी के प्रचार-प्रसार में आपका योगदान सराहनीय है।
इस सलाह के लिये आभार.
जवाब देंहटाएंरामराम
हम तो हेड्फ़ोन यूज़ करते हैं
जवाब देंहटाएंखुशदीप जी,
जवाब देंहटाएंआपने जो कमेन्ट में लिखा उससे मैं भी सहमत हूं.. पर जो पोस्ट में लिखा उससे नहीं.. आप सही तथ्यों के साथ संदेश दे.. आप कहे की "कारबोनेटेड ड्रिंक्स सेहत के लिए खराब है"... शत प्रतिशत सहमत पर आप जब साइनाइड की बात करते है तो कैसे सहमत हुआ जा सकता है..
आप कहे की कुरकुरे में स्टार्च है.. ठीक लेकिन जब आप लिखते है की उसमे प्लास्टिक है कैसे सहमत हुआ जा सकता है..
एप्पी फिज में केंसर के एजेंट है, मुझे तो कोई सन्दर्भ नहीं मिला.. आपके पास हो तो जरुर साझा कीजिये....
आपके उद्देश्य बहुत सकारात्मक है... पर आप अपनी बात सही तथ्यों के साथ रखे तो ज्यादा प्रभावी होगी.. मुझे लगता है आपने जो कमेन्ट में लिखा उसे पोस्ट में होना था..
जय हिंद.
mobile phone ke bare me nahin kah sakta par baki ki baaten kori gapp hain bhaia.. sab afwaahbaazi hai
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