ब्रेकिंग न्यूज़...ब्रेकिंग न्यूज़़...मेरे पत्रकारिता करियर की सबसे बड़ी और सनसनीखेज़ रिपोर्ट...वो रिपोर्ट जिससे हिंदुस्तान की तस्वीर पलटने वाली है...कल दिल्ली में केंद्रीय कैबिनेट की बैठक हुई...बैठक में महंगाई और बजट में एक्साइज ड्यूटी बढ़ाए जाने से जनता की नाराजगी से निपटने पर खास तौर पर विचार हुआ...घंटों की मगज़मारी के बाद निष्कर्ष यही निकला कि जनता अब जाग चुकी है, इसे और उल्लू नहीं बनाया जा सकता....फिर किया तो किया क्या जाए...क्या विरोधी दलों को तश्तरी पर सजा कर सत्ता सौंप दी जाए या नये चुनाव का जोखिम लिया जाए...हर्गिज नहीं...फिर क्या...क्यों न इस बार देश में राष्ट्रीय सरकार के विकल्प को आजमाया जाए...एक बार ये भी कर के देख लिया जाए...लेकिन राष्ट्रीय सरकार का मुखिया किसे बनाया जाए...नेताओं से लोगों का भरोसा उठ चुका है इसलिए नेता की जगह किसी दूसरे को ही देश की बागडोर सौंपी जाए...जो हरदिलअज़ीज़ हो...बजट के लिए पैसे की भी कमी न आने दे...और जनता में हर किसी को खुश रख सके...
ये सब चल ही रहा था कि भूतल-परिवहन और राष्ट्रीय राजमार्ग विकास मंत्री कमलनाथ ने कहा कि मैं एक नाम सुझा सकता हूं...जो देश-विदेश में बहुत पॉपुलर है...अपनी बात (टिप्पणी) से ही किसी का भी जी खुश कर सकता है...उसे दुनिया भर में दौरों के लिए सरकारी विमान की भी ज़रूरत नहीं...उसके पास अपनी उड़नतश्तरी है जिस पर बैठकर वो शख्स सर्र से कहीं भी पहुंच सकता है...कमलनाथ ने उस शख्स का नाम लिया- समीर लाल समीर...ये सुनकर मेरा दिल बल्लियों उछलने लगा...फौरन हॉटलाइन पर समीर जी से संपर्क किया गया...समीर जी ने सारी बात सुनी और फिर नम्रता से कहा कि अनूप शुक्ल मेरे से वरिष्ठ हैं, पहले उन्हें ये ऑफर की जाए...दिल्ली से अनूप जी के तार जोड़े गए...अनूप जी ने प्रस्ताव सुनकर कहा कि वो लोकनायक जयप्रकाश नारायण की परंपरा वाले हैं, इसलिए खुद सत्ता संभालने में नहीं बल्कि खुद के किंगमेकर रहने में विश्वास रखते हैं...इसलिए समीर जी को ही ये ज़िम्मेदारी सौंपी जाए...अनूप जी से ग्रीन सिग्नल मिलने के बाद समीर जी तैयार हो गए...लेकिन उन्होंने एक शर्त और रख दी...समीर जी ने कहा कि वो मंत्री जैसे किसी पद में विश्वास नहीं रखते...समाजवाद को मानते हैं...इसलिए जहां जहां भी मंत्री शब्द इस्तेमाल होता है उसे बदल कर संतरी कर दिया जाए....जैसे समीर जी ने खुद अपने पद के लिए प्रधानसंतरी शब्द सुझाया...
मरती क्या न करती...सरकार ने समीर जी की सारी बात मान ली...ये सब चल ही रहा था कि रचना जी को गुप्तचर सूत्रों से पता चल गया कि नारी की जगह पुरुष को प्रधानसंतरी बनाया जा रहा है...और उन्हें सिर्फ महिला विकास संतरालय देकर ही टरकाया जा रहा है...उन्होंने इस पर कड़ी आपत्ति जताते हुए हेग जाकर वर्ल्ड कोर्ट में शिकायत करने की धमकी दे डाली...बड़ी मुश्किल से उन्हें उपप्रधानसंतरी के पद से मनाया जा सका...इस बीच अदा जी टंकी पर चढ़ गईं...उन्हें महिला विकास का महकमा दिए जाने के बाद ही शांत किया जा सका...
समीर जी के प्रधानसंतरी बनने की बात सुनकर मैने सोचा चलो अब तो मेरे भी दिन फिर जाएंगे...पूरे छह महीने हो गए गुरुदेव-गुरुदेव करते...जीभ तक घिस गई मक्खन लगाते-लगाते...कोई मलाईदार महकमा तो मिल ही जाएगा...लेकिन तभी मेरी आंखों के आगे डॉ अरविंद मिश्रा का रुआबदार चेहरा घूरता हुआ महसूस होने लगा...जैसे पूछ रहा हो...हो गए सब उसूल-आदर्श हवा...संतरी पद की सोचते ही जीभ लपलपाने लगी...अब करूं तो करूं क्या...संतरी पद लेता हूं तो रुसवाई...नहीं लेता तो अपना भारी नुकसान...मैंने इस मुद्दे को गुरुदेव पर ही छोड़ा...गुरुदेव ने भी ऐसा तोड़ निकाला कि सांप भी मर गया और लाठी भी नहीं टूटी....मुझे बिना विभाग का संतरी बना दिया गया...
अब देखिए बाकी संतरालयों के प्रभारियों की सूची...
अरविन्द मिश्रा - मानव संसाधन विकास, इस राइडर के साथ ऐसी कोई एडल्ट पोस्ट नहीं लिखेंगे जिससे ब्लॉगर बच्चे बिगड़ें
अजय कुमार झा - जन संपर्क
विवेक सिंह -खोया-पाया विभाग (गुमशुदगी)
डॉ टी एस दराल - स्वास्थ्य
मसिजीवी- शोध एवं अनुसंधान
ताऊ रामपुरिया - पशुधन विकास
मिथिलेश दुबे- बाल विकास
शहरोज- भाषा समन्वय
ज्ञानदत्त पाण्डेय -रेलवे
दिनेश राय द्विवेदी - न्याय एवं विधि
सुमन - नाइस नाम से नया विभाग
अविनाश वाचस्पति - घेटो विकास
डॉ कविता वाचकनवी : संस्कृति
महफूज़ अली - किशोर सुधार गृह
अनिल पुसद्कर- जलपान व्यवस्था (विशेष तौर पर समोसा निर्माण)
आशा जोगलेकर- पर्यटन
सरवत जमाल - समीक्षा
राज भाटिया - प्रवासी भारतीय
विनीत कुमार - प्रेस काउंसिल के अध्यक्ष
राजीव तनेजा - फोटो निदेशालय
संगीता पुरी- मौसम पूर्वानुमान
सतीश सक्सेना - निर्माण
डॉ.अनुराग- साहित्य और विवेचना
रश्मि रविजा- क्रिएटिविटी
शिखा वार्ष्णेय- उच्चायुक्त, भारतीय हाईकमीशन, लंदन
वाणी- पत्नी शिकायत प्रकोष्ठ
सलीम- ह्दय परिवर्तन रोग विभाग
रुप चंद्र शास्त्री मयंक- पेटेंट एवं कॉपीराइट विभाग
ललित जी- ब्लॉगर बच्चों को डराऊ विभाग
निर्मला कपिला- ममता मंत्रालय
जी के अवधिया- वृद्ध कल्याण
हिमांशु- गंगा स्वच्छता विभाग
दीपक मशाल- बुंदेलखंड विकास
गौतम राजरिशी- डिफेंस
बीएस पाबला- पंगा विभाग
लावण्या जी- समृद्धि, धरोहर, कला खज़ाना विभाग
गिरीश चंद्र बिल्लौरे मुकुल- टेप एवं रिकॉर्ड विभाग
बवाल- टोपी पहनाओ विभाग
दर्पण- कांच निर्माण
गोदियाल जी- सामाजिक सद्भाव
महेंद्र मिश्र- पुर्नवास विभाग
मो सम कौन (संजय अनेजा) : डॉन विभाग (अरे दीवानो, मुझे पहचानो, कहां से आया मैं हूं कौन)
विवेक रस्तोगी- फास्ट फूड कंट्रोल विभाग
रानी विशाल- नवीनीकरण विभाग
शोभना चौधरी- युवा कल्याण
कुलदीप हैप्पी- ब्लॉगवुड विकास
श्रद्धा जैन- बिजली (कभी कभी ही ब्लॉग पर चमकती हैं)
अल्पना वर्मा- सांग एंड ड्रामा निदेशालय
बबली- नव साहित्य सृजन
शेफाली पांडेय- पद्म पुरस्कार वितरण विभाग
सतीश पंचम- देवदासी उद्धार
धीरू सिंह- कुपोषण नियंत्रण
अजित वडनेरकर- देश के सवा अरब नागरिकों की पहचान के लिए अलग-अलग शब्द देने का विभाग
पंडित वत्स- हवन व अनुष्ठान संतरालय
शरद कोकास- पुरातत्व संतरालय
जाकिर अली रजनीश- सम्मान संतरालय
रवींद्र प्रभात- ईमानदारी संतरालय
सुरेश चिपलूनकर- पाकिस्तान में भारत के उच्चायुक्त
हरकीरत हीर- दर्द निवारण संतरालय
मनोज कुमार- न कोऊ से दोस्ती, न कोऊ से बैर संतरालय
डॉ अजित गुप्ता- स्पीकर, ब्लॉग सभा
एम वर्मा- प्यार बांटू संतरालय
विवेक रंजन श्रीवास्तव- टिप्पणी निगरानी विभाग
नीरज गोस्वामी- बिना विभाग के वरिष्ठ संतरी
प्रवीण त्रिवेदी- प्राइमरी विभाग
गिरिजेश राव -वर्तनी सुधार संतरालय ( क ख ग सिखाने पर विशेष ज़ोर)
वंदना- आतिथ्य सत्कार संतरालय
हरि शर्मा- वाणिज्य संतरालय
अलबेला खत्री- मनोरंजन और शालीनता विकास संतरालय
पता चला है कि सागर, यशवंत मेहता सन्नी, अंतर सोहेल, मयंक, रोहित (बोले तो बिंदास), पारुल, फौजिया, अमरेंद्र त्रिपाठी, प्रवीण पथिक, नीशू तिवारी, कनिष्क कश्यप,पकंज मिश्रा, सेमलानी जैसे युवा साथियों ने संतरीमंडल में जगह न मिलने पर बग़ावती तेवर दिखाने के संकेत दिए हैं...उन्हें पहले फील्ड में कुछ साल बिताने के बाद संतरी पद मांगने की सलाह दी गई है...सुना है कि ये सब अपना अलग घेटो बनाने पर विचार कर रहे हैं...
आखिर में सबसे अहम बात...ये सूची आदि ब्लॉगर डॉ अमर कुमार जी का अनुमोदन मिलने के बाद ही अमल में लाई जा सकेगी...
ये सब चल ही रहा था कि किसी ने मेरे ऊपर होली के रंगों से भरी बाल्टी उढ़ेल कर नींद से उठा दिया...
समीर संतरीमंडल शपथ ग्रहण समारोह की तैयारी...खुशदीप
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रविवार, फ़रवरी 28, 2010
कहाँ छिपा रखी है
जवाब देंहटाएंनेह की पिचकारी और प्यार का रंग?
डालना ही है तो डालो
कुछ छींटे ही सही
पर प्यार के प्यार से
इस बार होली में।
department of blog मुझे दे दीजीयेगा
मै तो खुद कुपोषण का शिकार हू या मेरे मारे कुपोषण है इस पर एक संसदीय समीति गठित किये जाने की संसुति करता हू
जवाब देंहटाएंमेरा विभाग तो बता देते , केवल विशेषण बता कर छोड़ दिया. मेरा कार्यालय क्या सड़क के किनारे लगेगा.
जवाब देंहटाएंआप तथा सभी ब्लॉगर मित्रों को होली की शुभकामनाएँ!
जवाब देंहटाएंवाह मुझे तो सब से अच्छा मंत्रालय मिला है । ममता की छाँव मे कितना सुख है एक माँ ही समझ सकती है। बाकी सब को बिलकुल सही मंत्रालयों का बटवारा किया है तो आगे से संसद मे आपकी ड्यूटी लगनी चाहिये मंत्रालय बाँ टने की। एक तो ममता के रंगों की बौछार मैने फेंकी थी। होली के शुभावसर पर आपको व आपके परिवार को होली की हार्दिक शुभकामनायें आशीर्वाद ।
जवाब देंहटाएंहा हा हा हा , बहुत खूब खुशदीप जी शपथ लिए बगैर ही काम चालू है एकदम धनाधन
जवाब देंहटाएंअजय कुमार झा
अरे आप बिना विभाग के मंत्री नीरज गोस्वामी को तो भूल ही गए...समीर जी ने स्वयं हमारे नाम का अनुमोदन किया है...हा हा हा हा हा ...होली की शुभकामनाएं...
जवाब देंहटाएंनीरज
ठिक है तो अब काम भी फटाफट शुरु कर देते हैं । आपको होली की बहुत-बहुत बधाई ।
जवाब देंहटाएंhahahaha...........are itne sare aur hain un sabko bhool gaye bas soch lo ab to panga hai direct............ek vibhag bachta hai abhi .........panga mat lena............chalo dobara shuru karo vibhagon ka bantwara...........hahahaha
जवाब देंहटाएंHAPPY HOLI TO U AND UR NEAR AND DEAR ONES.
आज का दिन मेरे लिए खुशियों का इतना बड़ा डब्बा मिलेगा , यह तो रात सपने में भी नहीं आया ! एक इंजिनियर होने के नाते आपने मुझे मेरे महकमे का ही संतरी बना दिया अभी भी विश्वास नहीं होता ! अब कुछ चेलों की जरूरत है जो विभाग के सारे संतरे किसी और को न तोड़ने दे ! सारे संतरे अब सिर्फ मेरे और मेरे होंगे ...
जवाब देंहटाएंसमीर भाई और खुशदीप का गुप्त कोटा अलग रखूंगा जो हर रात ईमानदारी से भिजवाया जायेगा !!
ओये साला मैं तो साहब बन गया ....
राष्ट्र के नाम संदेश प्रसारित नहीं हुआ संतरा संतरी का
जवाब देंहटाएंबधाई हो बधाई राम जी क्या जोड़ी है बनाई
HA HA HA HA ..khushdeep ji maan gaye....bilkul sateek mantralay sonpe hain..
जवाब देंहटाएंholi ki samst shubhkamnayen.
दो महीन से हम ब्लॉग जगत सो गए तो हमरे साथ इतना बड़ा ठस्सा ...बताये दे रहें हैं ठोंक के वह रंगीला बम मारेंगे की मुह लाल हो जाएगा | बताओ भैया डेढ़ साल से अपने स्कूल का बोर्ड उखाड़कर मास्टरी (प्राइमरी का मास्टर ) की दूकान चला रहे थे फिर भी यह नाइंसाफी ????
जवाब देंहटाएंगिरिजेश राव : प्राइमरी विभाग ( क ख ग सिखाने पर विशेष ज़ोर)
खुशदीपगीरी नहीं चलेगी !!! नहीं चलेगी !!! नहीं चलेगी
होली की शुभकामनाओं के साथ ! मजा आ गया ! धन्यवाद!!
जवाब देंहटाएंहा हा हा-
जवाब देंहटाएंहमारा संत्री मंडल को बाहर से समर्थन है।
ज्यादा बजट मिले इसलिए पद किया ग्रहण है।
आपको होली की शुभकामनाएं
आप ओर आप के परिवार को होली पर्व की हार्दिक शुभकामनाये और बधाई
जवाब देंहटाएंमहफूज़ अली - किशोर सुधार गृह
सुरेश चिपलूनकर- पाकिस्तान में भारत के उच्चायुक्त
यह दोनो संतरी बिलकुल सही लगे, मै सब से पहले इन्हे बधाई देता हुं
कुछ शिकायतें मिलने के बाद संतरीमंडल की सूची में कुछ फेरबदल किया है...
जवाब देंहटाएंविवेक रंजन श्रीवास्तव ने मांग की थी उन्हें ब्लॉग संतरालय दिया जाए...दरअसल कुलदीप हैप्पी को पहले ही ब्लॉगवुड
विकास देने की घोषणा की जा चुकी है, इसलिए विवेक रंजन जी के लिए अलग से टिप्पणी निगरानी विभाग बनाया जा
रहा है...
नीरज गोस्वामी जी को लेकर वाकई भूल हुई है...अब उनकी नज़र मेरी ही तरह बिना विभाग के संतरी बनने पर है...मैं उनके साथ मलाई बांटना तो नहीं चाहता था लेकिन अब क्या करूं...ऊपर से गुरुदेव समीर जी का आदेश...तो जनाब नीरज गोस्वामी जी इस महकमे के वरिष्ठ संतरी और मैं कनिष्ठ...
प्रवीण त्रिवेदी जी के साथ भी नाइंसाफ़ी हुई है...उनका प्राइमरी विभाग लौटा दिया गया है...गिरिजेश राव जी के लिए वर्तनी सुधार संतरालय बनाया जा रहा है....
वंदना जी को आतिथ्य सत्कार संतरालय की ज़िम्मेदारी दी जा रही है....
हरि शर्मा जी को वाणिज्य संतरालय दिया गया है...
इस संशोधन को ऊपर सूची में भी कर दिया गया है....
जय हिंद...
हाहाहा...वाह वाह क्या संतारालय है...अब तो भारत की प्रगति कोई रोक नहीं सकता...ऐसे ऐसे संतरी चुन कर रखे हैं...
जवाब देंहटाएंआपको और आपके परिवार को होली की ढेरों शुभकामनाएं, खुशदीप भाई..
धन्य हो गये प्रभु हम तो, बिना किसी लाबिंग के संतरी बना दिये गये। खुशदीप सर, वो खाने का प्रोग्राम कब का है(शपथ-वपथ)?
जवाब देंहटाएंआपको व आपके सारे परिवार को होली की बहुत-बहुत बधाई।
यह हुई ना बात !
जवाब देंहटाएंखुशदीप भैया की जय हो !
हमारा नेता कईसन हो ?
खुशदीप भैया जइसन हो !!
भैये ! अब ये भी तो अब बता ही दो कि ऊ मीडिया मनेजमेंट का कित्ते का ठेका लिए हो आप?
भैया जी , संत्रालय सूची देखकर हमें एक शेर याद आ गाया :
जवाब देंहटाएंजो कहा मैंने , प्यार आता है मुझको तुमपर
हंसके कहने लगे , और आपको आता क्या है ।
--अकबर इलाहाबादी
यानि हमारे पल्ले फिर वही पड़ा ।
खैर , होली की हार्दिक बधाई अवम शुभकामनायें।
आज की होली मेरे लिए इतनी शानदार होगी सोचा न था। धन्यवाद .......अब देखना ये युवा कल्याण विभाग मेरे आ गया है भारत के युवा बहुत आगे तक जायेगे..............कल ही दिल्ली आ रही हूँ .........हा हा हा हा हा ......होली मुबारक........
जवाब देंहटाएंअच्छा विभाग दिया है भैय्या .... अभी पहले तो अतिक्रमण करियो को पहले क्रेन से हटाना (खदेड़ना) पड़ेगा फिर पुनर्वास करने की सोची जायेगी हा हा ही ही तब तक अगली होली तक काम डल जायेगा जीई . रंगोत्सव पर्व की अनेको हार्दिक शुभकामनाये ....
जवाब देंहटाएंहा हा!! पूरा मंत्रालय (संतरालय) तैयार है. रात्रिकालीन बैठक में कुछ फेर बदल:
जवाब देंहटाएंज्ञानदत्त पाण्डे: रलवे के साथ गंगा परियोजना
राजीव तनेजा - फोटो निदेशालय एवं लम्ब लेखन विभाग
सतीश सक्सेना - पुनर्निर्माण
ललित जी- ब्लॉगर बच्चों को डराऊ विभाग एवं आंतरिक सुरक्षा
हिमांशु- गंगा स्वच्छता विभाग (रिपोर्टिंग टू ज्ञानदत्त पाण्डे)
विवेक रस्तोगी- फास्ट फूड कंट्रोल विभाग एवं बचत योजना
शेफाली पांडेय- पद्म पुरस्कार वितरण विभाग एवं अध्यक्षा, मास्टरनी संरक्षण कमेटी
संजय बैंगाणी- सपाट बयानी संतरालय
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ये रंग भरा त्यौहार, चलो हम होली खेलें
प्रीत की बहे बयार, चलो हम होली खेलें.
पाले जितने द्वेष, चलो उनको बिसरा दें,
गले लगा लो यार, चलो हम होली खेलें.
आप एवं आपके परिवार को होली मुबारक.
-समीर लाल ’समीर’
बगावत का डन्का...
जवाब देंहटाएं....किसी भी सन्तरी को उसके सन्तरालय पहुचनें से पहले ही उठा लिया जायेगा.....
.....रंगो से ऐसा सराबोर करेगें कि चुपचाप पद छोड़ देगा.........
.....सभी सन्तरी सावधान हो जायें
नहीं नहीं ..अब हमको टंकी पर चढ़ना ही है...ई कौनो बात है का..हम कब महिला विकास के बारे में बात किये हैं....हमको तो उप-प्रधान मंत्री बनना ...ग़लत मंत्रालय मिला है हमको....नारी जी को नारी मंत्रालय दिया जाय....वर्ना हाय हाय...
जवाब देंहटाएंखुशदीप जी की मनमानी नहीं चलेगी...नहीं चलेगी.... :):):)
यह अधिकार हमारा है और .....हाँ नहीं तो...!!
हमारा नारा है....::):):)
हम पार्टी हिला देंगे......हम पार्टी हिला देंगे :)
जवाब देंहटाएंये तो गलत है...जिस काम को मैंने दो या तीन महीने पहले शुरू किया...मुझे वही विभाग थमा दिया गया....और मेरी असली खूबी...असली खासियत को बिलकुल ही गोल कर दिया गया?...
जवाब देंहटाएंवैसे!...मुझे लाफिंग गैस की सप्लाई का ठेका दे देते तो ज्यादा अच्छा रहता ...:-)
समीरलाल जी की त्रुटिसुधार टिप्पणी आने से मन को थोड़ी सी तसल्ली तो हुई है लेकिन पूर्ण संतुष्टि अभी बाकी है
भैया, रमलू सियार के रहते किसकी मजाल जो संत्री बनके संतरालय चला ले? एक एक को राजनारायण की स्टाईल मे निपटा डालेगा. प्रधान बनेगा रमलू सियार और बाकी के सारे उप-प्रधान...बोलो मंजूर हो तो हाथ मिलाओ वर्ना ये सरकार अटल जी की १३ दिन का रिकार्ड तोडती नजर आयेगी...पक्का समझ लिजियेगा. रमलू को ऐसा वैसा सियार मत समझ लेना.
जवाब देंहटाएंरामराम.
देखते हैं कि ये सरकार अपना कार्यकाल पूरा कर भी पाती है या नहीं :-)
जवाब देंहटाएंरंगोत्सव की हार्दिक शुभकामनाऎँ!!!!
ैोोप साीग ेोीकोी
जवाब देंहटाएंहज जीो्पोल सोलूीग का तगबा पद ीोपग
सोपगतोदल सागल ूोकीोीो
सोगल क
????
ये क्या हुआ कैसे हुआ
ऊपर जो लिखा है गूगल ने लिखा है
लोगों संघर्ष करो हम ममता के साथ हैं
अब कोई उम्मीद नहीं बची। सोचता हूँ सन्यास ही ले लूँ इस ब्लॉगिरी से...।
जवाब देंहटाएंरंगों का त्योहार मुबारक हो।
जवाब देंहटाएंखुशियों की फुहार मुबारक हो।
Antioxydent ki nai dose ke liye dekhiye rajubindas.blogspot.com
Rajiv Ojha
सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठी जी,
जवाब देंहटाएंदिल छोटा मत कीजिए...अभी राज्यपालों के बहुत सारे पद खाली हैं...लेकिन आप राज्यपाल बनने पर नारायण दत्त तिवारी जी वाली राह मत पकड़ लीजिएगा...
आप और आपके परिवार को रंगोत्सव की बहुत-बहुत बधाई...
जय हिंद...
@ सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठी जी
जवाब देंहटाएंबच के रहना बाबा बच के रहना
अब तो धमकी भी मिलने लगी
मुह बंद रखो वरना.......
सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठी जी,
जवाब देंहटाएंदेखा अपने डॉ महेश सिन्हा जी कितने समझदार हैं...जानते हैं चुप रहने में ही भलाई है...क्योंकि सब्र का फल मीठा
होता है...वरना हश्र नारायण दत्त तिवारी जैसा ही होता है...
जय हिंद...
खुशदीप जी राहुल गांधी की तरह मैं भी नम्रता (मेरी सहेली है) के साथ किसी भी पद का ऑफर अस्वीकार करता हूं........वैसे युवा चेहरों को मौका आपको देना चाहिए था......युवा ही देश का भविष्य हैं..ये आपको पता होना चाहिए....देश के युवाओं को जगाने के लिए सभी कॉलेजों के (खासकर महिला कॉलेज) चक्कर लगाता रहुंगा....
जवाब देंहटाएंजहां तक मेरा सवाल है...मैं कर्मठ हूं....इसिलिए होली की सुबह 5 बजे से शाम 4 बजे तक दफ्तर में रहुंगा.....
और भांग जरुर खाउंगा.....जैसा हमेशा खाता हूं .... और होली के बहाने ......
जय हिंद ..इनकलाब जिंदाबाद.......
इनकलाब जिंदाबाद.......इनकलाब जिंदाबाद.......इनकलाब जिंदाबाद.......इनकलाब जिंदाबाद.......इनकलाब जिंदाबाद.......इनकलाब जिंदाबाद.......इनकलाब जिंदाबाद.......इनकलाब जिंदाबाद.......इनकलाब जिंदाबाद.......
जवाब देंहटाएंहा हा खुशदीप भैया, गजब हुरियारा बनाय दिहिन बबुआ आप सबका।
जवाब देंहटाएंऔ हमार बिभाग त बहुतै मजेदार बा। बाजू से रमलू सियार का संतरालय हैयैहै, त होरी की हुआ-हुआ त हुईबै करी। है कि नाही ? हा हा।
हमे मालूम था या तो पुरातत्व संतराल्य मिलेगा या फिर भूत-प्रेत संतरालय , कविता- वविता का तो मिलने से रहा । एक आलोचना का भी मिल जाता तो..... । चलो कोई बात नही । इतना ही नाइस है ..अरे अरे सुमन जी से नही छेन रहा हूँ । सॉरी नहीं तो पाबला जी के पंगा संतरालय मे मामला चला जायेगा । बस करो भैया ..अब हँस हँस कर अपने ही ऊपर पानी की बाल्टी डालने की नौबत आ गई है ।
जवाब देंहटाएंder se aane ke liye maaf karna bhaia... lekin sabse mast santaralay to inhe de diya---
जवाब देंहटाएंसुरेश चिपलूनकर- पाकिस्तान में भारत के उच्चायुक्त
ha ha ha
भाई खुशदीप जी ये पता नही चल पा रहा कि वित्त सन्तरी कौन है सबेरे से सारे ब्लोगर मेरे घर के सामने लाइन लगाये है वो नोट छापने की मशीन भी मुझे नही मिली है नही तो दे दनादन नोट छाप देता. कुछ जुगाड पार्टी फ़न्ड के लिये भी कर लेता. कुर्सी का क्या है कल हो ना हो.
जवाब देंहटाएंहोली में डाले प्यार के ऐसे रंग
जवाब देंहटाएंदेख के सारी दुनिया हो जाए दंग
रहे हम सभी भाई-चारे के संग
करें न कभी किसी बात पर जंग
आओ मिलकर खाएं प्यार की भंग
और खेले सबसे साथ प्यार के रंग
संतरालय के संतरियों का ज्यूस निकाल कर एक शीशी में भर लिया गया है और संतरालय की जय भंगालय बना दिया है। अब भंग मंत्रालय की घोषणा की प्रतीक्षा है परन्तु यह खुशदीप देशनामा जी भंग की तरंग में अभी तक नींद के संग में हैं। जल्दी आयें और होली बीत न जाये इसलिए भंग मंत्रालय की आज शाम को इंडिया गेट पर 4 बजे अमिताभ, आमिर, शाहरूख, मनोज, अमर, मनोज और लालू के मिलने से पहले ही घोषणा कर दें। नहीं तो ये सब पद हथिया लेंगे शाम को। सुना है शाम को घोटो भंग संगठन का गठन इन सबकी मौजूदगी में किया जाएगा। इस हेतु प्रभात गोपाल जी पैदल ही इंडिया गेट के लिए दो दिन पहले रवाना हो चुके हैं और जयराम जी इंडिया गेट पर कई सौ ड्रम रंग भंग और गुझिया के भर कर तैयार बैठे हैं। तो आना भूल जाएं।
जवाब देंहटाएंबाकी तो सब ठीक है लेकिन खतरा यही है कि जैसे जनता सरकार में मोरारजी ने सब ताकत नशामुक्ति और स्वमूत्रपान के प्रचार में लगा दी वैसे ही कहीं बबुआ समीरलाल केवल टिप्पणी मंत्रालय के प्रचार/प्रसार में न लगे रहें और सरकार संतरालय लिये दिये इधर-उधर हो जायें। लेकिन अब जब बना दिया तो बना दिया।
जवाब देंहटाएंबहुत मौज लेते हो गुरुओं/महागुरुओं से। घंटालों/गुरुघंटालों से। :) जय हो! होली मुबारक!
आपको सपरिवार होली की ढेरो बधाईयाँ और शुभकामनाएँ
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया पोस्ट....सब अपने विभागों को लेकर परेशान हैं....पर आम जनता हैरान है....:):)
जवाब देंहटाएंहोली की शुभकामनायें
देख लिया खुशदीप जी!
जवाब देंहटाएंकितने पंगे ले लिए हैं आपने
पहले पंगा संतरालाय से एप्प्रूव तो करवा लेनी थी लिस्ट पंगेबाजों की
कई संतरी तो अभी से संतरों का टोकरा ले कर पंगा लेने के लिए खड़े हो गए हैं
गनीमत है अभी अंडे- टमाटर नहीं हैं इनके पास :-)
अरे सर जी बगावत नहीं करेंगे....राज्य संत्री ही बना दीजिये....स्वतंत्र प्रभार भी चलेगा....बस एक लाल बत्ती मिल जाए....
जवाब देंहटाएंखेद के साथ कहना पड़ रहा है कि तीन दिन बाद भी संतरीमंडल की सूची को डॉ अमर कुमार का अनुमोदन नहीं मिल सका, इसलिए सभी संतरियों के पदभार संभालने की औपचारिकता अगली होली तक स्थगित की जा रही है...
जवाब देंहटाएंप्रति- प्रधानसंतरी समीर लाल समीर जी और सभी संतरीगण...
जय हिंद...
इ बात ठीक नाहीं ?
जवाब देंहटाएंइत्ती ठसल -पसल के बात संतरी बनेन
और अब ??
अरे काहे नहीं ऊ डाक्टर साहेब को ! कुछ खिलाते -पिलाते नहीं ?
नाईस विभाग देखकर खुश हुआ, की वर्षो पुरानी मांग पूरी हो गयी.
जवाब देंहटाएंरंगोत्सव की बधाई!
ये लो
जवाब देंहटाएंन जाने कितनों के अरमान चूर चूर हो गए
दिले के अरमान दिल में ही रह गए
हम तो सोच रहे थे एक दो को सेट कर लेंगे फिर पौ बारह