टेढ़ा है पर मेरा है...खुशदीप

बुधवार से मन बड़ा खराब चल रहा है...वजह है हमारा बजाज...टेढ़े बजाज का खटारा खटराग...लोगबाग बेशक उसे स्कूटर कहने की गुस्ताखी करते हैं लेकिन हमारे लिए तो वो अश्वराज चेतक से कम नहीं...पिछले 18 साल से जब भी ये चेतक महाराज मुझे सवारी कराते रहे हैं, मुझे यही लगता है कि राणा प्रताप की आत्मा मेरे अंदर आ गई है...वो तो मूंछे नहीं रखी हुई, नहीं तो चेतक की हर उड़ान पर कलफ की तरह ही कड़क हो जाया करती और गाना गाया करती...हमरी ना मानो तो बजजवा से पूछो...(सुन रहे हैं न ललित शर्मा भाई...)

आप पूछेंगे कि ये सुबह-सुबह कौन सा वीत-राग ले बैठा...ओ बजाज जी, तेरे ऐलान ने बड़ा दुख दीना...अब आप कहेंगे...कौन बजाज...अरे वही बजाज जो कल तक बुलंद भारत की बुलंद तस्वीर दिखाते रहते थे...हमारा बजाज, हमारा बजाज करते रहते थे...इन बजाजों ने बुधवार को ऐलान कर दिया कि स्कूटर कारोबार को पूरी तरह राम-राम करने जा रहे हैं....अब इन बजजवों को कौन याद दिलाए इनके एड के वो जिंगल, जिनमें कस्मे-वादे किए जाते थे कि बुलंद भारत की बुलंद तस्वीर आज भी और कल भी हमारे साथ रहेगी... देश की दो पीढ़ियां इस जिंगल को गुनगुनाते हुए ही जवानी से सठियाने की दहलीज पर आ गईं और अचानक ये अलविदा-अलविदा के सुर छेड़ने लगे (लगता है इन्हें भी ब्लॉगरी के ताजा जिन्न ने जकड़ लिया है)...

तो जनाब ये बजाज वाले कह रहे हैं कि उनके स्कूटर के सभी जाने-माने मॉडलों पर परदा गिरने की घड़ी आ गई है..कंपनी ने तीन साल पहले ही चेतक मॉडल बनाना बंद कर दिया था...बजाज ऑटो के मैनेजिंग डायरेक्टर राजीव बजाज के मुताबिक इस कारोबारी साल के अंत तक कंपनी क्रिस्टल सीरीज के स्कूटर का उत्पादन भी बंद कर देगी...1980 के दशक में 'हमारा बजाज' कर्मशियल्स बनाने वाली ऐड एजेंसी लोवे इंडिया के चेयरमैन आर बाल्की कहते हैं, 'कभी घोड़ागाड़ी का वक्त था, अब मोटरसाइकिल का दौर है... 'भारत बदल रहा है, बुलंद बदल रहा है और बजाज भी...' यानि ये सुसर बाइकवा ज्यादा माइलेज देने के चक्कर में स्कूटर पर भारी पड़ गईं...

अब इन मैनेजमेंट गुरुओं को कौन समझाए, स्कूटर जैसा सुख हम पाएंगे कहां...इन हवा-हवाई बाइकों की गद्दी पर खुद ही अपनी उन (बाइक पर ज्यादातर पीछे वो...ही बैठती हैं) के साथ समा जाएं वो ही बड़ी बात है...बाकी सामान रखने की तो सोचो हीं नहीं...और स्कूटर...जनाब पीछे पत्नी (स्कूटर पर पीछे पत्नियां ही बैठती हैं... वो...नहीं)...बीच में एक बच्चा...आगे हैंडल को पकड़े एक बच्चा...आगे का स्टैंड और डिक्की सामान से ठसाठस...चलाने वाले की टांगों के नीचे दोनों तरफ लटकते सब्जियों के बड़े-बड़े थैले...हम इसी अंदाज़ में अपने चेतक महाराज को 18 साल से दौड़ा रहे हैं...कभी तो रतन टाटा की नज़र हमारे पर भी पड़ेगी...शायद तरस खाकर एक अदद नैनो रानी ही तोहफे में हमें भिजवा दें...अब भले ही बाद में एड में अपनी इस दरियादिली को कितना भी कैश कर ले, हमें कोई ऐतराज नहीं होगा...कसम उड़ानझल्ले की....स्टांप पर लिख कर देने को भी अपुन तैयार है...

हां तो लौटता हूं अपने बजाज पर...नंबर यू पी 15...9743...बच्चे इतने बड़े हो गए हैं कि स्कूटर पर हमारे साथ बैठना छोड़ दिया है...बैठना क्या छोड़ दिया, आगे हैंडल के साथ जब बिटिया खड़ी होती थी तो हमें स्कूटर चलाते हुए सिर्फ उसकी चोटी ही नज़र आती थी...सड़क नहीं...बार-बार यही कहते रहते थे....बेटी सिर थोड़ा नीचे...सिर थोड़ा नीचे...एक दिन झक मार के बिटिया ने ऐलान कर दिया लो अब मैं स्कूटर पर कभी चढ़ूंगी ही नहीं...तो जनाब अब मैं और मेरा बजाज...अक्सर ये बाते किया करते हैं...बाते क्या करते हैं स्कूटर ही मुझे संघर्ष फिल्म के दिलीप कुमार की तरह ताने दिया करता है....एक एक करके सब तो आपका साथ छोड़ कर चले गए...एक मैं ही हूं जो साथ दिेए जा रहा हूं....


ये मेरा स्कूटर नहीं है, नेट से ली गई फोटो है...लेकिन कसम से मेरे वाला भी कंपीटिशन में
इस स्कूटर की हालत से कम नहीं है
साथ भी कितना गजब का दिया है साहब...पत्नी लाख हमें मार्निंग वॉक के फायदे समझाती रहती है लेकिन मजाल है कि हम ब्लॉगिंग का परम सुख छोड़कर सुबह कभी सैर पर निकल जाए...लेकिन ये स्कूटर महाराज...इनके आगे हमारा बस भी नहीं चलता...पहले तो ये स्टार्ट होने का नाम ही नहीं लेते...लाख टेढ़ा-मेढ़ा कर लो पर ये इंजन का मधुर राग तभी सुनाएंगे जब इनकी मर्जी हो...अक्सर हम किक मार-मार कर हलकान होते रहते हैं पर चिकने घड़े की तरह स्कूटर जी पर कोई असर नहीं पड़ता...किक मारते मारते जब तक मुंह से हमारी जीभ को बाहर आए निकला न देख ले...ये शुरू नहीं होते...जीभ देखकर जब इन्हें तसल्ली हो जाती है कि हमने ब्रश के साथ टंग-क्लीनर का भी इस्तेमाल किया है, तभी ये अपने ऊपर हमें सवारी गांठने का मौका देते हैं....हां, पत्नी को पता चले न चले लेकिन हमारे स्कूटर महाराज को हमारे वजन से तड़ाक पता चल जाता है कि आज हमने बाज़ार में कुछ पेट फुलाऊ खाने की चीज़ों पर हाथ साफ किया है....रास्ते में चलते-चलते बंद हो जाते हैं....फिर हमें इन्हें कई किलोमीटर खींचना पड़ता है...और जब स्कूटर महाराज जी को ये भरोसा हो जाता है कि हमने जो खाने में एक्स्ट्रा कलरी हड़पी थीं वो सब हजम हो गई हैं तब अचानक झट से स्टार्ट हो जाते हैं...देखा मेरी सेहत का कितना ख्याल...

एक फायदा और सुनिए...अपने राम कभी स्कूटर में ताला नहीं लगाते...(लगाए कहां से चाबी ही पिछले कई सालों से खोई हुई है)...और दावा है कि स्कूटर को कहीं भी खड़ा कर दे, मजाल है कि कोई चोर उसकी तरफ बुरी नज़र उठा कर देखे...हमारे स्कूटर जी माशाअल्लाह है ही इतनी सुंदर हालत में...इतनी बढ़िया कंडीशन में कि चोर भी आएगा तो स्कूटर पर सौ का नोट इस नोट के साथ रखकर चला जाएगा...अबे घोंचू कभी तो सर्विस करा लिया कर...

तो जनाब ऐसा है मेरा बजाज...बेशक स्कूटर की बॉ़डी टेढ़ी हो गई है...स्टैंड वक्त के थपे़ड़ों को सहते-सहते गल कर गिरने को तैयार है...लेकिन टेढ़ा है तो क्या...है तो मेरा है...अब बजाज खुद ही एंटीक के तौर पर मेरे बजाज के लिए लाखों रुपये भी देने को तैयार हो तो क्या, मैं अपने इस जिगर के टुकड़े को बेचना तो दूर इसकी तस्वीर भी कोई न दूं...


स्लॉग ओवर
एक बार नासा (नशा नहीं अमेरिका का स्पेस शटल उड़ाने वाला नासा) वाले परेशान हो गए...कोलंबिया स्पेस शटल उड़ने का नाम ही नहीं ले रहा था...साइंसदानों ने अक्ल के लाख घोड़े दौड़ा लिए पर कोलंबिया टस से मस होने को तैयार नहीं...झक मार कर दुनिया भर के अखबारों में ऐलान कर दिया कि जो भी इस काम में मदद करेगा उसे लाखों डॉलर ईनाम में दिए जाएंगे...इस ऐलान पर अपने मक्खन की भी नज़र पड़ गई...झट से एंबेसी वालों को फोन लगा दिया...मैं उड़ा सकता हूं कोलंबिया...

लो जी...आनन फानन में सारे अरेंजमेट कर मक्खन जी को फ्लोरिडा में नासा के हेडक्वार्टर पहुचा दिया गया...साइंसदान मक्खन को कोलंबिया के मुआयने के लिए ले गए...मक्खन ने इंस्पेक्शन के बाद इंस्ट्र्क्शन दी....कोलंबिया को थोड़ा बाईं और झुकाओ...फिर कहा...अब इसे दाईं ओर झुकाओ...बस अब सीधा खड़ा कर दो और स्टार्ट करो....

कंट्रोल रूम ने मक्खन के आदेश का पालन किया...ये क्या...कोलंबिया स्टार्ट हुआ और आसमान में ये जा और वो जा....हर तरफ तालियां गूंज उठी....मक्खन जी हीरो बन गए..व्हाइट हाउस में डिनर के लिए मक्खन जी को बुलाया गया...वहां अमेरिकी प्रेसीडेंट ने पूछ ही लिया...मक्खन जी हमारी पूरी साइंस फेल हो गई...आखिर आपने कैसे कोलंबिया को उड़ा दिया....मक्खन का जवाब था...ओ नहीं जी कमाल-वमाल कुछ नहीं...मेरा बीस साल पुराना लैम्ब्रेटा स्कूटर है...जब स्टार्ट नहीं होता तो ऐसा ही उसे टेढ़ा करता हूं...और फिर वो स्टार्ट हो जाता है....

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23 टिप्पणियाँ
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  1. "जब स्टार्ट नहीं होता तो ऐसा ही उसे टेढ़ा करता हूं...और फिर वो स्टार्ट हो जाता है...."

    घी भी तो सीधी उँगली से नहीं निकलती, उँगली तो टेढ़ा करना पड़ता है।

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  2. वाह खुशदीप भाई, सकुटर की जितणी तारीफ़ की जाए उतनी कम है, ये तो सकुटर नही "फ़ैमिली कार" है, इस पर मियाँ बीवी और तीन बच्चे बडे आराम से सवारी करते हैं,अब इसका जमाना खतम हो रहा है वो भी "जींस" के कारण,
    स्लाग ओवर जोर दार है, बधाई

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  3. मक्खन की बदमाशी देखो वहाँ भी बजाज का नाम छुपा गया। लेम्ब्रेटा तो कितना ही टेड़ा करो स्टार्ट न होता था तो न होता था। एक बजाज स्कूटर हमारे पास भी है। सर्विस कराए दो साल तो हो गए हैं। कुछ दिन से उस का साइलेंसर पाजामे की तरह खिसक कर नीचे आ जाता है तो स्कूटर की आवाज फन्ने खाँ हो जाती है। अब बजाज बनना बंद हो गए हैं तो संभाल कर रखना पड़ेगा। सोचता हूँ उस की सर्विस के साथ रंगरोगन भी करवा लूँ। वर्ना चक्की से आटा पिसाने और शाम को डेयरी से दूध लेने कौन जाएगा?

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  4. स्कुटर तो मेरे पास भी है और बिना सलामी के स्टार्ट होना वह भी अपनी तौहीन समझता है . लेकिन एक बार स्टार्ट हो जाये तो बन्द मुश्किल से ही होता है . और हार्न छोड उसका सब कुछ बजता है .

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  5. हम भी राणा प्रताप हैं जी, अपने चेतक के जो आज भी साथ निभा रही है!!!

    एक वो समय था कि चेतक के लिए वेटिंग लिस्ट रहती थी और लोग चार-पांच साल इंतेज़ार करते थे और आज यह हाल है कि वह अलविदा कह रही है। कोई डर नहीं, उसे जिंदा तो रखेंगे... हम हैं ना :)

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  6. अगर आप नही भी बताते , तो भी हम समझ जाते की इतना खूबसूरत स्कूटर आपका हो ही नही सकता।

    वैसे एक बार हमें भी खींचना पड़ा था, जब पेट्रोल ख़त्म हो गया था।

    बहुत दिलचस्प पोस्ट लिखी है भाई।

    स्लोग ओवर बाद में।

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  7. अभी यू - ट्यूब पर बजाज का एड देख कर आ रहा हूँ..... सच में रोना आ गया..... मेरे पास आज भी बजाज स्कूटर रखा हुआ है.... जिसको बनाते वक़्त मेरे पिताजी ने वो बात कही थी..... और आज मैं भी परेशां हूँ.... बजाज के अवसान होने से.....

    BLOG-OVER over SLOG-OVER: -

    एक बार अमरीका ने एक रॉकेट बनाया.... वो रॉकेट बन तो गया ... लेकिन स्टार्ट नहीं हो रहा था..... पूरा रॉकेट कि तकनिकी जांच कर ली गई... लेकिन कोई खराबी नहीं मिली... अमरीका बड़ा परेशां कि स्टार्ट क्यूँ नहीं हो रहा है... ख़ैर... दुनिया भर से scientists को बुलाया गया...लेकिन कोई भी उस रॉकेट को स्टार्ट नहीं कर पाया..... हमारे भारत से भी एक सरदार जी गए.... रॉकेट स्टार्ट करने... अब सरदार जी रॉकेट को देखने लगे.... चारों ओर से... बाकी सारे देश के scientist परेशां ...कि यह इंडिया का सरदार scientist क्या कर रहा है....? चारों ओर घूम क्यूँ रहा है....? हमारे सरदार जी ने .... रॉकेट को थोडा सा दायीं ओर झुकाया.... और रॉकेट के ड्राईवर से कहा कि भैया स्टार्ट करो.... ड्राईवर ने स्टार्ट किया ...रॉकेट स्टार्ट हो गया... अमरीका सहित ...बाकी दुनिया के भी scientist बड़े खुश हुए.... तालियाँ पीटने लगे.....

    सबने पूछा कि " सरदार जी! आपने यह कैसे किया?

    सरदार जी ने कहा " कि ऐ लो जी! इसमें कौन सी वड्डी बात है.... साड्डे इंडिया विच बजाज कूटर भी ऐसे ही स्टार्ट होता है...

    जय हिंद....

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  8. मैंने भी अपना १९८४ मोडल अभी तक संभाल के रखा है !

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  9. Check It Out

    http://www.bbc.co.uk/hindi/india/2009/12/091212_scooter_india_va.shtml

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  10. स्लाग ओवर से एक बात समझ में आ गई कि
    स्कूटर के अलावा और भी चीज है जो
    पुरानी होने के बाद
    टेढ़ा करने पर ही चलती है
    लेकिन महफूज भाई को इसका ग्यान कैसे हुआ
    यह शोध का विषय है।

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  11. बजाज सब का साथी था ..... पर समय के साथ अब उसके जाने का वक़्त भी आ गया है ......... हां जब बजाज साहब को ही उससे लगाव नही रहा तो हम काहे को रक्खे ........... भूल जाओ हमारा बजाज अब नही रहा ........

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  12. aअच्छी याद दिलाई मेर स्कूटर बजाज कब {छोटा 3 गीयर वाला} कब से सरविस के लिये चिल्ला रहा है। मगर स्टार्ट अब भी एक झटके से होता है। पर क्या करें उस पर बहुत तरस आता है जब लिया था तब से भार दोगुना हो गया है। मगर बेचती नहीं । वो गाडी ल्प ऐसे देखता है जैसे खा जायेगा। इस लिये कभी कभी वला लेती हूँ। आज मस्त पोस्ट है स्लाग ओवर बलाग ओवेर सब बजाज से भाग रहे हैं शुभकामनायें। आपके जाने का भेद खुल गया है। कल अपने किसी जासूस ने बता दिया राज़ । शुभकामनायें

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  13. शानदार बजाज गाथा....हमारा भी बहुत साथ दिया.

    शायद बजाज वाले इसे पढ़कर अपना फैसला बदलें.


    स्लॉग ओवर में मख्खन तो खैर कमाल के हैं. :)

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  14. 'Hamara Khushdeep' has elaborated the qualities of 'Hamara Bajaj' in a very pacy and humourous manner.
    Slog over as always was hillarious.

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  15. बजाजों को पता नहीं कि स्कूटर उनका ब्रेडविनर है. लेकिन उनकी नयी पीढी पैसे देकर खरीदी गयी एमबीए को ज्ञान समझ ऐसे वैसे एक्सपेरीमेंट कर रहे हैं.

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  16. .
    .
    .
    स्कूटर का एक फ़ायदा और भी है पुलिस वाले भी बाईक वालों को ज्यादा परेशान करते हैं।

    अब कौन समझायेगा इन बजाज ऑटो के मैनेजिंग डायरेक्टर राजीव बजाज साहब को कि स्कूटर स्कूटर ही है भाई उसका कोई विकल्प नहीं...........

    ऐसा लग रहा है मानो स्कूटर कह रहा हो बाइक से:

    फर्ज़ अपना हम निभा चले साथियों, कर्ज़ अपनी जमीं का चुका चले साथियों, अब तुम्हारे हवाले वतन (बुलंद भारत) साथियों।

    जय हिंद

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  17. स्कूटर डिवीज़न को बन्द करना दुखद है लेकिन समय के साथ चलना...चलते रहना भी बेहद ज़रूरी है...
    आपके स्कूटर पुराण ने पुरानी यादें ताज़ा करवा दी..मैँ और मेरे दो न्याणे... लेकिन मेरे पास बजाज का नहीं बल्कि एल.एम.एल का सलैक्ट स्कूटर था सैल्फ स्टार्ट वाला...उसको छोड़ कर हीरो होण्डा की स्पलैंडर बाईक खरीदी...उसे बेच के यामाहा की ऐनटाईसर और अब ऐवन की बैट्री चालित स्कूटरी पर आ गया हूँ...इसे कहते हैँ ऊपर से नीचे की तरफ धड़ाम से गिरना...लेकिन कोई वान्दा नय्यी...अपुन का टाईम बी वापिस लौट के आएगा...

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  18. हाल ही तक पिता जी के पास चेतक था।
    वही चेतक, जो अपने शुरूआती दिनों में सिर्फ विदेशी मुद्रा में ही मिलता था।
    सुना तो हमने यह भी है कि लोगों ने बजाज स्कूटरों की बुकिंग्स से ही अपने घर बना लिए, बच्चों की शादियां कर दीं।
    अतिश्योक्ति लगती है यह बातें
    पर रहा है यह 'बुलन्द भारत की बुलन्द तस्वीर - हमारा बजाज'

    आपकी विशिष्ठ लेखन शैली मज़ेदार रही। कई जगह तो हंसी फूट ही पड़ी बरबस!

    बी एस पाबला

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  19. बजाज का बाजा
    बजाज वाले खुद
    रहे हैं जब बजा
    तो आप क्‍यों
    हो रहे हैं टेढ़ा तिरछा

    खुशदीप ही
    कार लीजिए
    सी एन जी लगाइये
    और फिर उतनी ही
    पेट्रोल की कीमत में
    मीलों दौड़ाइये

    उसके दौड़ने से
    आप स्‍वयं भी
    नजर आयेंगे दौड़ते
    जबकि दौड़ कार
    रही होगी
    और बजाज बेबजाज
    वाली जनता सारी
    आपको ही निहार
    रही होगी।

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  20. कल मेरी मखनी से बात हो रही थी....कह रही थी ....आज कल मक्खन भी कहा सुनता है...एक बात दस बार कहो तब जाकर समझता है...की ये सच है मक्खन ..??....
    लेकिन फिकर नाट मक्खनी ने कहा है मुझे .... 'येड़ा है पर मेरा है'......हा हा हा

    जवाब देंहटाएं
  21. कल मेरी मखनी से बात हो रही थी....कह रही थी ....आज कल मक्खन भी कहा सुनता है...एक बात दस बार कहो तब जाकर समझता है...की ये सच है मक्खन ..??....
    लेकिन फिकर नाट मक्खनी ने कहा है मुझे .... 'येड़ा है पर मेरा है'......हा हा हा

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