ताऊ रामपुरिया से भी मेरा यही सवाल है कि उसने शोले कितनी बार देखी है...ताऊ, राम प्यारी... अपनी पहेलियों से फिल्मों के ज्ञान की घणी परीक्षा लेवे से...तो आज मैं ताऊ को कोने छोड़ूं...जो पूछने जा रहा हूं, अगर दूसरे ब्लॉगर भाइयों को इसका जवाब मालूम हो तो वो भी बताएं...अगर ताऊ ने इस सवाल का जवाब न दिया और किसी दूसरे ब्लॉगर भाई ने दिया तो ताऊ तुझे ही विजेता का पगड़ी पहनाकर मान बढाना होए से...
अब कच्ची गोलियां मैं भी न खेला...शोले वाले सवाल के साथ दो और सवाल भी रखूंगा, वो भी फिल्मों पर ही...चक्रव्यूह सजाऊंगा तो पूरा ही सजाऊंगा...वैसे शोले वाला जो सवाल है उसे लेकर रमेश सिप्पिवा मेरे पीछे न पड़ जाए...कि 34 साल से जो राज उसने दबाया हुआ था वो मैंने खोल दिया...हो सकता है 34 साल से इस मामले में दबी पुलिस फाइल फिर खुल जाए...लेकिन सच तो सच ही है, इक दिन सामने आना ही होता है...चलो अब जो भी अंजाम हो...मैं तो आपसे अपने तीन सवाल पूछता हूं...
सवाल नंबर 1
शोले में परदे पर आपने बड़ा खून-खराबा देखा होगा...लेकिन शूटिंग के दौरान सच में ही एक कत्ल या मर्डर हुआ था...उस कत्ल के शाट को एडीटिंग के दौरान काटा भी नहीं गया...इसलिए फिल्म देखने वालों को एक जगह उस कत्ल की झलक भी मिलती है...आप बता सकते हैं कि वो सीन फिल्म में कहां था...मरने वाला कौन था और मारने वाला कौन था...
सवाल नंबर 2
जीतेंद्र और जीनत अमान ने किस फिल्म में रोमांटिक पेयर के रोल किए थे...यहां बताता चलूं धर्मवीर में जीनत अमान की जोड़ी धर्मेंद्र के साथ थी...
सवाल नंबर 3
अमिताभ बच्चन की किस फिल्म में माला सिन्हा उनकी हीरोइन थीं...वैसे इस फिल्म में अमिताभ की पत्नी की भूमिका अरुणा ईरानी ने निभाई थी...
चलिए अब फटाफट जवाब भेजिए...सही जवाब कल रात 12 बजे अपनी अगली पोस्ट पर आपको बताऊंगा...
स्लॉग ओवर
अब तो लिव इन रिलेशनशिप (रोमांटिक दोस्ती से थोड़ा ज्यादा और शादी से थोड़ा कम वाला रिश्ता) का रिवाज भारत के महानगरों में भी देखा जाने लगा है...लेकिन पश्चिम के देशों में बरसों से ये प्रचलन में है...ऐसे ही विदेश में एक जोड़ा बिना शादी किए ही साथ-साथ रहता था...एक दिन पुरुष पार्टनर (अब पति तो कह नहीं सकता) बॉथरूम में नहा रहा था...महिला पार्टनर (ये भी पत्नी नहीं) किचन में नाश्ता तैयार कर रही थी कि घर की डोर-बेल बजी...
महिला ने दरवाजा खोला...सामने एक टिपटॉप गबरू जवान खड़ा था...आते ही पूछा कि मिस्टर....कहां हैं...महिला ने जवाब दिया...बाथरूम में हैं, उन्हें थोड़ा टाइम लगेगा, आप काम बताइए...जवान बोला...कोई...कोई नहीं... दरअसल मुझे आपसे ही काम था...मैं एक मल्टीनेशन कंपनी में काम करता हूं...हमारी कंपनी ने एक लव प्रमोशन स्कीम चलाई हुई है...आप इसके तहत 1000 डॉलर कमा सकती हैं...
महिला ने भी सोचा मंदी का ज़माना है...1000 डॉलर कमा लिए जाए तो क्या बुराई है...महिला ने पूछा...इसके लिए मुझे क्या करना होगा...जवान बोला...कुछ नहीं बस आपको मुझे दो मिनट का एक किस देना होगा...महिला अचकचाई लेकिन फिर 1000 डॉलर के लालच में शर्त मानने को तैयार हो गई...
थोड़ी देर बाद पुरुष पार्टनर बाथरूम से बाहर निकला तो महिला बड़ी खुश दिखाई दी...पूछा... क्या बात है...महिला ने कहा...मैंने आज सुबह सुबह घर बैठे ही 1000 हज़ार डॉलर कमा लिए...ये सुनकर पुरुष पार्टनर बोला...आज तो वाकई बड़ा अच्छा दिन है...मेरे आफिस के एक साथी ने मुझसे दो महीने पहले 1000 डॉलर उधार लिए थे और उसने वादा कर रखा है कि आज सुबह ही वो घर पर आकर उधार चुका जाएगा...
ताऊ ने शोले उतनी बार देखी है जितनी बार इस फिल्म के टोटल शो हुए हैं। उसमें से आधे निकाल कर, दस प्रतिशत गुणा कर दो, फिर 5 प्रतिशत जमा करके, 3 प्रतिशत निकालकर भाग कर दो, और उसमें 301000046 जमा करके 300000064 घटा दो, इतनी बार देखी ताऊ ने शोले।
जवाब देंहटाएंबाकी सवालों के जवाब कल 12 बजे तक का समय तो है ही।
सवाल हाल कर पाना मुझे थोड़ा मुश्किल लग रहा है, मैं दूसरों के उत्तर का इंतज़ार करूँगा..और स्लॉग ओवर भाई क्या कहने अब तो आप स्लॉग ओवर में शानदार बॅटिंग करने में माहिर हो गये है..
जवाब देंहटाएंधन्यवाद
JAI HIND
जवाब देंहटाएंab in sawaalon ke jawab to mujhe nahin maloom..........Khushdeep Sir..... main sachchi boloon to maine aaj tak sholay nahi dekhi........... Haan suna bahut hai Sholay ke baarey mein....... par jawab ka intezaar hai..........
par is slog over mein mazaa gaya........ hahahahahaha
JAI HIND
२ का जबाब -यह देश (सन १९८४ में)
जवाब देंहटाएं3 का जबाब - संजोग ( सन १९७१ में आई थी)
-1 का जबाब रामप्यारी देगी. :)
haa haa!!स्लॉग ओवर में अच्छी उधार चुका गया. :)
जवाब देंहटाएंउड़न तश्तरी वाले गुरुदेव...
जवाब देंहटाएंफिल्मों के आप भी पुराने पापी लगते हैं...अपने सही जवाब तो मैं कल ही बताऊंगा...वैसे जीतेंद्र और जीनत अमान की फिल्म और भी है...
जय हिंद...
चलो किसी को तो मन्दी भा गई :)
जवाब देंहटाएंखुशदीप जी - बढ़िया है ...........
जय हिंद
जवाब देंहटाएंसमीर भाई, पापी नहीं हों.. लेकिन कोई न कोई एक पापी उनके साथ लगा ही रहता है ।
इसका ज़वाब उसी पापी ने दिया है ।
एक्ठो बकरा का मर्डल त हमहूँ देखे थे,
महबूबा वाला गाना से पहले,
भाई खुशदीप जी अपने को फिल्मो का कभी शौक रहा ही नहीं और जो कभी देखि वो याद नहीं रहती इसलिए हम तो लोगो द्वारा दिया जबाब पढ़कर ही अपना ज्ञान वर्धन करेंगे |
जवाब देंहटाएं2. Samraat
जवाब देंहटाएं3. Sanjog
अब पाप हुआ हो तो अनजाने में..पाप के बाद भी पाक ही कहावेंगे..शिष्य इत्ते तो बक्श ही देंगे पाप को पाक करने में. :)
जवाब देंहटाएंफिर डॉग्डर अमर का मोहर भी तो लग गया है हमरे नाम पर..कोई का बोल सकेगा. बकरा कटते तो हमउ देखे थे मगर ताऊ के चक्कर में चुप्पी धरे हैं. :)
जवाब देंहटाएंबड़े मुश्किल सवाल पूछे हैं यार.
जवाब देंहटाएंएक भी याद नहीं आ रहा.
ससुर ज़वानी पर सक होने लगा है भाई.
वैसे समीर भाई आज बड़ी फुर्सत में लगते हैं.
तनिक उनको बुलाइए तो, जॉनी भाई से मिलवाते है ना.
( आज पहली बार ज़रा मज़ाक के मूड में लिखा है, बुरा मत मानियेगा).
अमां यार एक बात बताओ, रात दो बजे तक जागते रहते हो, फिर तीन बजे तक टिप्पणियां आती रहती हैं.
जवाब देंहटाएंये ब्लोगर्स रात में सोते नहीं हैं क्या.
( आज ज़रा हम भी फुर्सत में हैं. )
अरे हाँ, फ्री के इनामो से तो पहले भी डरते थे. अब तो और भी सतर्क रहना पड़ेगा.
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंवाह खुशदीप जी! क्या सवाल दागे हैं। दो सवालों के उत्तर तो लोगों ने दिए हैं और पहला सवाल का हल वाकइ मुश्किल है भाई। बहुत जोर डाला दिमाग पे पर जवाब गोल गोल सा आ रहा है कि कोई बच्चा सही में मरा था। अब कल सही जवाब आपके पोस्ट में देख लेंगे।
जवाब देंहटाएंएक जवाब छोड कर सारे जवाब आ ही गये हैं तो मै वो पाप क्यों करूं?वैसे शोले फ़िल्म को पहले ही दिन देखने स्कूल से भाग कर जब हमारा ग्रुप सिनेमा हाल पंहुचा तो धीरे-धीरे क्लास के सारे ग्रुप वंहा पंहुच गये।ये बात इंटरवेल मे पता चली तो सबकी हवा बंद हो गई।सबने एक दूसरे को गालिंया दी एक दिन बाद नही देख सकता था क्या?मरा जा रहा था?क्लास मे सिर्फ़ हास्ट्ल के बच्चे ही थे और ये स्थिति पूरे स्कूल मे सिर्फ़ हमारी क्लास की थीं हमसे जूनियर और न सीनियर क्लास मे इतने स्टूडेंट गायब थे।दूसरे दिन असेंबली मे सबके सामने बुलाकर जो सम्मान मिला था उसे हम जैसे बेशरम ही पचा सकते थे।
जवाब देंहटाएंज़िंदगी भर नही भूलेगी,
वो शोले वाली बात्।
डॉक्टर साहब, चश्मेबद्दूर...आज संडे वाले मूड में हैं...या लोधी गार्डन की ताजा ताजा हवा में देखे जवां नज़ारों का असर है...या फिर जॉनी भाई सुबह सुबह ही तो नहीं आ धमके...वैसे समीर जी और आपको फुर्सत (झा जी की भाषा में कहें तो फुर्सतिया) में देखकर परम आनंद आ रहा है...वैसे ये पोस्ट मैंने जानबूझकर धर्म, ब्लॉगिंग के टंटों से अलग मूड बदलने के लिए ही लिखी थी...देखिए आपके साथ-साथ समीर जी का भी मूड बदल गया न...खैर चलता हूं...उधर लगता है पाबला जी का कोई पंगा हो गया लगता है शायद...
जवाब देंहटाएंजय हिंद...
अनिल भाई,
जवाब देंहटाएंआपका शोले देखने का वाकया तो मेरे सवाल से भी ज़्यादा मज़ेदार है...अपने स्कूल के दिन याद दिला दिए...क्या अच्छा हो...उम्र के इस पड़ाव में भी हम सभी बचपन की मस्ती की उस पाठशाला को जिएं...ज़रा सोच कर देखिए अवधिया जी की सरपरस्ती में आप, शरद कोकास जी, पाबला जी, डॉक्टर दराल, समीर जी, अनूप शुक्ल जी, रतन सिंह जी, वत्स जी, राज भाटिया जी, अविनाश वाचस्पति जी के साथ-साथ भागकर पूरी ब्रिगेड शोले देखने पहुंची हुई है...और हम छोटी क्लास में पढने वाले विवेक सिंह, मैं, कुश, अजय कुमार झा, राजीव तनेजा, विनोद पांडे, महफूज़ अली हाल के बाहर ही मन मसोस कर खड़े हैं और सीनियर्स के डर के मारे हॉल के अंदर जाने की हिम्मत नहीं दिखा पा रहे हैं...आखिर हम भी इंसान हैं...शोले देखने का मन हमारा भी करता है...है न बढ़िया सपना...
जय हिंद
फ़िल्म की तो छोड़ो भाई आपका स्लाग ओवर जोरदार था उधारी चु्काने का नया अन्दाज पसंद आया. बधाई
जवाब देंहटाएंखुशदीप भाई, सिनीयर्स तक तो ठीक है, पर अब सीनियर सिटिज़न मत कह दीजियेगा.
जवाब देंहटाएंस्त्री तो हवा हो गई ( कौन्फेरेंस में ) और जॉनी भाई की जगह संग है मिस स्त्रियों (मिस्त्रियों) का जो इस समय घर में ठुक ठुक कर रहे है.
लगता है, जॉनी भाई पर एक लेख लिखना ही पड़ेगा.
Abhi SHOLAY ki DVD laaya hoon.......... baith kar dekhoonga.......... badi beizzati lagti hai........ jab log poochte hain ki tumne SHOLAY nahin dekhi? aaj dekh kar hi rahoonga...........
जवाब देंहटाएंpar aaj hi mujhe OK wala article bhi complete karna hai............. aakhir aapse waada jo kiya hai...... OK mein darasal AUTHENTICITY ka doubt bana hua tha...... jo ki kal jaakar sahi hua......... ab kuch bhi likhne se pehle Research Methodology bhi dekhni padti hai na.......... kahin kuch galat ho gaya........ to beizzati kharaab ho jayegi....... hehehehe..... bas OK ko OK hone ki khushi mein SHOLAY ki DVD lekar aaya hoon..........
pehle dekhoonga........... phir OK ko complete karunga.........
to aaj se mujhe sharm nahi aayegi......... ki maine SHOLAY nahin dekhi hai........
ab itna to hai...... ki main ab samajh raha hoon ki koi khaas baat to zaroor hai SHOLAY mein....... qki main jab koi baagi type ki activity kiya karta tha to mere swargiya pitaji kaha karte they ki Amitabh Bachchan ho gaya hai.......... ab sholay dekhoon itminaan se.........
Dekh kar phir aata hoon........
JAI HIND...
महफूज़ भाई,
जवाब देंहटाएंओ के...
जय हिंद...
हत्यारा : गब्ब्बर
जवाब देंहटाएंमृतक : श्रीमान चिटाँ सिँह
सवाल नम्बर १ का जवाब
हमने शोले सिर्फ २७ बार देखी है ! महफूज अब तक शोले नही देखी! बडी नाइन्साफी है !
सच्ची बोले आशीष भाई, बहुत बारीकी से देखि है शोले आपने, आप का जवाब सुनने के बाद याद आ गया वो सीन. वैसे मैं भी काफी कुछ मफूज भाई की तरह हूँ बस इतना फर्क है शोले देखि तो पूरी है लेकिन ये याद नहीं की कितनी किश्तों में(१२-१३) तो होंगी ही. लेकिन कभी बाद वाला पार्ट पहले तो कभी आगे वाला बीच में, कभी बीच वाला बाद में और सबसे बड़ा दुर्भाग्य ये की महबूबा वाला गाना आते ही घर के बड़े लोगों की तरफ देख के आँखें बंद करनी पड़ती थीं.. :) अविनाश जी ने बरमूडा ट्राईएंगल के रहस्य से भी ज्यादा रह्सीला(रहस्यमय) जवाब दिया है.
जवाब देंहटाएंडॉ. दराल साब ब्लोग्स पे जब भी कोई कुछ पोस्ट करता है तो वो हमेशा इंडियन टाइम में ही कनवर्ट करके टाइम बताया जाता है, उसे फर्क नहीं पड़ता की कमेन्ट या पोस्ट भारत से है या यू.के. से या यू.एस. से, लेकिन इतना तो कह सकते हैं की विक्टोरिया की तरह आज कल ब्लोग्गेर्स के राज में सूरज नहीं डूबता...
जबरदस्त गप्पबाजी के लिए खुशदीप भाई को सलाम.
KATHIN SAWAAL HAIN BHAI ..... AB HAMAARA FILMI GYAN UTNA TO NAHI HAI ..... AAPKA UDHAAR CHUKAANE WAALA DOST TO KAMAL HAI BHAI ...
जवाब देंहटाएंरामप्यारी बता गई है कि गब्बर अंकल नें चींटे को सरेआम मसल कर मारा था. वही वाला कत्ल है. अब इनाम लाओ. इनाम भी वही वाला जो डॉ दरल साहेब मिलवाने वाले हैं. हा हा!!
जवाब देंहटाएंAaj SHOLAY dekh hi li......... afsos hua ki pehle kyun nahin dekhi......... is umr........ mein SHOLAY dekhna ....... kuch ajeeb bhi laga.......
जवाब देंहटाएंarey haan! ek bat batana bhool gaya ki jab DVD lene gaya tha to bechara dukaandaar bhi aise ashcharya dikha raha tha jaise usne Agra ka Tajmahal Lucknow mein dekh liya ho..... jab maine usse sholay ki DVD maangi dekhne ke liye.......
JAI HIND
ख़ुशदीप भाई आपको आपके सभी सवालों के जवाब मिल गए। अचछा हुआ। मैंने पहले आपका ब्लॉग नहीं देखा। वर्ना आपको पहले ही जवाब मिल जाते। चलो बात शोले की चली है तो एक दो सवाल मैं भी दाग़ दूं।
जवाब देंहटाएंपहलाः-
क्या शोले के दीवाने बताएंगे कि गब्बर सिंह के बाप का क्या नाम
था ?
दूसराः- शोले फिल्म में किसका डबल रोल था ?
अविनाश जी का जवाब तो मजेदार है ही समीर जी के लिए आपका जवाब भी कम मजेदार नहीं ....'फिल्मों के आप भी पुराने पापी लगते हैं...'
जवाब देंहटाएंऔर ये डाक्टर दराल जी ....'ससुर ज़वानी पर सक होने लगा है भाई. '....हा...हा....हा.....बहुत खूब .....!!
और ये अनिल जी ने तो बड़े राज की बात बता दी आज .....'दूसरे दिन असेंबली मे सबके सामने बुलाकर जो सम्मान मिला था उसे हम जैसे बेशरम ही पचा सकते थे।'
महफूज़ जी ....जय हिंद ....!! ......डी.वी.डी.देखने के लिए ......
अब जवाब तो आ ही गए खुशदीप जी वर्ना हम भी कुछ हाथ आजमा लेते .....पापी वाला आपका कोई क्लू तो नहीं ...??
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएं1.गब्बर ने मकोड़े को मारा था..
जवाब देंहटाएं२.यह देश
3.संजोग
स्लॉग ओवर में नॉनवैज को वैज बना के परोसने की आपकी कला को सलाम
जय हिन्द
बहुत देर से आयी खुशदीप जी अब कहने को क्या रह गया? बस राम राम
जवाब देंहटाएं