गुरुदेव समीर लाल जी समीर ने आशीर्वाद दिया और अपनी भी सेंचुरी हो गई...कमेंट्स में तो क्वार्टर सेंचुरी ही रही लेकिन ज़्यादा पढ़े गए वाला आंकड़ा 125 पार कर गया...मुझे पता नहीं था गोल अंडे की महिमा इतनी अपरम्पार है...ब्लॉगर्स परिवार ने मुझे जिस तरह अपनाया है, उसके लिए बस इतना ही कहूंगा...
एहसान मेरे दिल पे तुम्हारा है दोस्तों
ये दिल तुम्हारे प्यार का मारा है दोस्तों
आज आपको ज़्यादा पकाऊंगा नहीं...क्योंकि मैं खुद ड्यूटी से बड़ा पक कर घर लौटा हूं...आंध्र प्रदेश के सीएम वाईएसआर रेड्डी नल्लामल्ला के जंगल में लापता हैं...दिन-रात पूरा अमला उनके हेलीकॉप्टर की खोज में लगा है...प्रार्थना है कि रेड्डी साहब सही सलामत लौट आएं..
हां, अब फिर से लौटता हूं अपने ब्लॉगर्स परिवार में...सच कहूं ...मेरठ से संयुक्त परिवार की जड़ों से कटकर नोएडा में एकल परिवार में रहने की टीस आप सबके प्यार ने एक ही झटके में छू-मंतर कर दी...क्या नहीं हैं हमारे ब्लॉगर्स परिवार के पास...कोई एक आवाज़ देता है और काफ़िला का काफ़िला साथ देने के लिेए आ जाता है....घर के वकील साहब हैं, डॉक्टर साहब है, ज्योतिष के विद्वान हैं, पत्रकार हैं, भले-बुरे की पहचान कराने वाले बुज़ुर्ग हैं, दुनिया भर की ममता बरसाने वाली मातृ-शक्ति है...ऊर्जा से भरे युवा साथी हैं...सही मायने में हिंदुस्तान के गुलदस्ते में तरह-तरह के फूलों की किसी को महक लेनी है तो ब्लॉगर्स के हमारे इस फलते-फूलते परिवार में आए...और हां जिस अंडे का जिक्र मैंने पिछले पोस्ट में किया धा, वो आप सबका प्यार पाकर, आंसू की दो बूंदों की शक्ल में मेरी आंखों में आ गया है....थोड़ा जज़्बाती हो रहा हूं लेकिन आप मेरी भावनाओं को समझ सकते हैं...सीधे स्लॉग ओवर में एक मासूम के मासूम सवाल पर आता हूं।
स्लॉग ओवर
क्लास में टीचर बच्चों को फास्टफूड की जगह रिच डाइट लेने की नसीहत दे रही थीं...सेब जैसे फलों के फायदे बता रही थीं...तभी एक नन्हे बाल-गोपाल ने मासूमियत से पूछा...टीचर-टीचर क्या सेब में बहुत ताकत होती है...टीचर बोलीं- हां, बेटे बहुत ताकत होती हैं....बच्चा फिर बोला...बहुत बहुत ज़्यादा ताकत होती है...टीचर ने जवाब दिया...हां भई बहुत बहुत ज़्यादा ताकत होती है....बच्चा- क्या हमसे भी ज़्यादा ताकत होती है....अब टीचर ने थोड़ा अचकचाते हुए कहा...हां बाबा हां, हमसे भी ज्यादा ताकत होती है....बच्चा....टीचर....जब सेब में हमसे भी ज़्यादा ताकत होती है तो फिर वो हमें क्यों नहीं खा जाता...
खुशदेीप जी बहुत बहुत बधाई। अगली यात्रा के लिये भी शुभकामनायें और आशीर्वाद । स्लाग ओवर अच्छा लगा ।
जवाब देंहटाएंलगे रहो गुरु... एक दिन यह सेब आपकी गोद में भी आ गिरेगा....
जवाब देंहटाएंखुशदीप भाई, आपका अंडे वाला फंडा तो पूरी तरह कामयाब रहा. आखिर कुआर्टर सेंचुरी तक तो पहुँच ही गए तो फुल तक भी पहुँच जाओगे. वैसे ब्लोगिंग में जो चाहे लिखो, मगर भैया इमोशनल होने से बचो तो अच्छा है. क्योंकि ये ब्लोगिंग जगत भी एक वर्चुअल वर्ल्ड है, जो हकीकत में इतनी आसानी से नहीं बदलता. हाँ कभी कभार कुछ अच्छे दोस्त ज़रूर मिल जाते है. लिखते रहिये, लिखना अपने आत्मिक स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है.
जवाब देंहटाएंदुखद खबर... रेड्डी साहब नहीं रहे...
जवाब देंहटाएं"हार, हार मान जाता था वहां "
बहुत बधाई इस सेन्चुरी पर..कमेंट की क्वाटर सेन्चुरी.
जवाब देंहटाएंलिखते चलें..नित नये आयाम होंगे, नित नये प्रतिमान होंगे.
स्लॉग ओवर मस्त रहा.
सागर जी बता रहे हैं: रेड्डी जी नहीं रहे..बहुत दुखद..अब समाचार देखता हूँ.
आपको बहुत बहुत मुबारक हो जी सेंचुरी..खुश दीप जी..बस लगे रहिये..
जवाब देंहटाएंबधाई हो।
जवाब देंहटाएंम्हारी शुभकामनाएँ आपके साथ हैं, आप सेंचुरी का भी शतक लगायें यही कामना है।
जवाब देंहटाएंसेंचुरी की बहुत बहुत शुभकामनाएं ! आगे भी ऐसे ही बढ़ते चलें!
जवाब देंहटाएंगुरुदेव, आपका एक-एक शब्द मेरे लिए अमृत-वर्षा की तरह है..
जवाब देंहटाएंदराल सर, आपकी सलाह सर-माथे पर..आगे से ध्यान रखूंगा..
अजय जी, गिरिजेश जी, विवेक जी ऐसी ही नज़रे-इनायत बनाए रखियेगा, लीक से हटूं तो फौरन ख़बर लीजिएगा.
पल्लवीजी, लोग पुलिस वालों को नाहक बदनाम करते हैं. कोई झूठ समझे तो एक बार आपके (डीएसपी साहिबा)ब्लॉग पर जाकर देखले, खुद पता चल जाएगा कि पुलिसवालों के पास भी ऐसा दिल होता है जो ज़माने का दर्द देख मोम की तरह पिघल जाता है.
बहुत बधाई। लडडू का इंतजार है। आगे के लिये भी शुभकामनायें........
जवाब देंहटाएंअच्छा लिखना जारी रखिये और बस अपने मन की कहते रहिये।
बहुत बहुत बधाई खुशदीप जी। आप शतक का शतक लगाएं, ऐसी ही कामना है। आपसे आग्रह है कि अपने और साथियों को भी हिन्दी ब्लॉग के प्रति प्रेरित करें।
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