Watch: इस 'पठान' के लिए भारत ही सब कुछ


                            

शाहरुख़ ख़ान की फिल्म पठान की रिलीज़ डेट तय, 25 जनवरी 2023 को आएगी दर्शकों के सामने; दीपिका पादुकोण, जॉन अब्राहम के साथ सलमान ख़ान भी कैमियो रोल में नज़र आएंगे पठान में, फिल्म के टीज़र में साफ़ किया गया है कि पठान के लिए देश ही धर्म और उसकी रक्षा ही कर्म



नई दिल्ली (3 मार्च)।

पठान एक देशभक्त है. अपनी नई फिल्म के टीज़र में शाहरुख ये कहते नज़र आ रहे हैं. पठान की रिलीज़ डेट तय हो गई है. शाहरुख ने खुद अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर टीज़र को पोस्ट किया.


अगले साल यानि 2023 में पठान 25 जनवरी को रिलीज होगी.ये पहले भी देखा गया है जब भी शाहरुख़ की कोई नई फिल्म रिलीज होने वाली होती है, उससे पहले ही कोई न कोई विवाद शुरू हो जाता है. ऐसा ही पठान के साथ पिछले साल हुआ जब इसका ट्रेलर रिलीज़ किया गया था. तो क्यों उस वक्त बॉयकॉट शाहरुख खान ट्रेंड होना शुरू हो गया था. लगता है इसी तरह की आंशकाओं को देखते हुए पठान के टीज़र में बताया गया है कि पठान नाम क्यों पड़ा और ये भी साफ किया गया कि फिल्म में टाइटल रोल निभा रहे  शाहरुख ऐसा किरदार निभात नज़र आएंगे जिसके लिए देश ही सब कुछ है.

पठान का निर्माण यशराज फिल्म्स बैनर की ओर से आदित्य चोपड़ा की ओर से किया जा रहा है. फिल्म का निर्देशन सिद्धार्थ आनंद ने किया है. शाहरुख़ ख़ान के अलावा फिल्म में जॉन अब्राहम, दीपिका पादुकोण और आशुतोष राणा अहम किरदार निभाते नजर आएंगे. पठान में सलमान ख़ान भी एक कॉमियो रोल निभाते दिखेंगे. ये फिल्म हिन्दी के साथ तमिल और तेलुगु में भी रिलीज की जाएगी.

इस टीज़र के साथ ही सोशल मीडिया पर ट्रेंड होना शुरू हो गया- "किंग इज बैक"

दरअसल बॉलिवुड स्टार और पठान की हीरोइन दीपिका पादुकोण के पति रणवीर सिंह ने  सोशल मीडिया पर कमेंट किया था- "द रिटर्न ऑफ द किंग."



इसके बाद शाहरुख के फैंस किंग इज बैक को ट्रेंड कराने लगे.

पठान का पहला ट्रेलर  18 सितंबर 2020 को रिलीज किया गया. दूसरा ट्रेलर 22 अगस्त 2021 और अब तीसरा टीज़र 2 मार्च 2022 को.

ट्विटर पर पिछले साल बॉयकॉट शाहरुख खान हैशटैग तब ट्रेंड होना शुरू हुआ जब शाहरुख़ खान की पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान के साथ एक पुरानी तस्वीर सामने आई. तस्वीर में साफ देखा जा सकता है कि शाहरुख़ ख़ान काफ़ी युवा हैं. यानि तस्वीर इमरान ख़ान के पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बनने से पहले की है.

                                     
शाहरुख़ ख़ान और इमरान ख़ान- फाइल

शाहरुख़ का विरोध करने वालों में से एक यूज़र ने तब लिखा था- "
SRK ने हमारे हिन्दू सम्राट अशोक को खराब छवि में दिखाया...वहीं अजय देवगन और अक्षय कुमार ने तान्हाजी और पृथ्वीराज चौहान पर फिल्में बनाई. वो पठान पर फिल्म बना रहे हैं. ये जासूसी एक्शन मूवी है तो इसे क्यों नहीं हिन्दू नाम दिया गया. पठान की भारत में प्रशंसा क्यों?"


एक यूज़र ने ट्वीट किया- "जब भी बॉलीवुड भारतीय संस्कृति के ख़िलाफ़ फिल्म बनाएगा या अपमानित करेगा तो उसका विरोध किया जाएगा. एक और यूज़र ने लिखा कि ये भारतीय लोगों के लिए शर्मनाक है, हम इस तरह की फिल्में क्यों देखते हैं. भारत में इस तरह की फिल्में क्यों बनाई जाती हैं."


शाहरुख के सपोर्ट में आने वाले फैंस की भी कोई कमी नहीं. एक यूज़र ने लिखा - क्या आपको पता है कि शाहरुख़ के दादा आज़ाद हिन्द फौज का हिस्सा थे और उनके पिता देश के सबसे युवा स्वतंत्रता सेनानियों में से एक रहे."


बता दें कि शाहरुख़ ख़ान की फिल्मों के विरोध का सिलसिला 2010 में माई नेम इज़ ख़ान की रिलीज के साथ शुरू हुआ था. करन जौहर की डायरेक्ट इस फिल्म की रिलीज़ से पहले ही शिवसैनिकों ने पोस्टर होर्डिंग्स जला दिए थे. शिवसेना ने भी विरोध का आधार यही बनाया था कि शाहरुख़ ने आईपीएल में पाकिस्तानी क्रिकेटर्स को खेलने की अनुमति देने की वक़ालत क्यों की. उस वक्त कांग्रेस नेता अशोक चव्हाण महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री थे. तब फिल्म की रिलीज पर सिनेमा हॉल्स में सुरक्षा के इंतज़ाम कराने पड़े थे. 



2017 में शाहरुख़ की फिल्म रईस की रिलीज पर भी सोशल मीडिया पर ऐसा ही विरोध देखा गया था. हालांकि तब भी बड़ी संख्या में शाहरुख़ के समर्थन में उनके फैन्स सामने आए थे.

अब पठान को लेकर ऐसा फिर कुछ न देखने को मिले इसलिए पहले ही फिल्म निर्माताओं की ओर से साफ किया जा रहा है कि फिल्म में शाहरुख देशभक्त का किरदार निभा रहे हैं.

 





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