फेकिंग न्यूज़ एक बहुत मज़ेदार वेबसाइट है...उसी में एक सैटायरिकल पोस्ट में बताया गया है कि हमारे सारे मंत्री वयस्क (बायोलॉजिकली) हैं, इसलिए चेहरों पर अपने भाव छुपा लेते हैं...लेकिन अगर बच्चे होते तो उनके मुख की कैसी भंगिमाएं होतीं, उसी की एक बानगी...(बच्चों के लिए प्रेम करने वालों से अग्रिम क्षमाप्रार्थना के साथ...)
(आभार- मिश्टिक जर्नो, फेकिंग न्यूज़)
CBI तो क्या FBI भी नहीं पता लगा सकती कि मैंने पैसे कहां छुपा रखे हैं... |
मुझे कभी इल्म भी नहीं हुआ कि मेरी सारे फोन टैप किए जा रहे हैं... |
अरे बाप रे, उन्होंने मेरे पैसे का पता लगा लिया.... |
कोई सबूत नहीं है कि मैंने फंड खाया है, फिर मैं क्यों इस्तीफ़ा दूं...
क़ानून अपना काम करेगा...
मैं अपना बयान पहले ही वापस ले चुका हूं, माफ़ी भी मांग चुका हूं...
सूखे और महंगाई पर विचार करने के लिए कैबिनेट बैठक
बड़ी भूमिका के लिए तैयार, देश की समस्याओं का सामना करने के लिेए तैयार...
पॉलिसी पैरालिसिस (काम पर सरकार)...
AND ABOVE ALL
फर्रूखाबाद तो आ जाओगे, पर वापस जाकर भी दिखाओ...
(आभार- मिश्टिक जर्नो, फेकिंग न्यूज़)
jabardast ..
जवाब देंहटाएंwaah ....bahut badhia ...
जवाब देंहटाएंबेहतरीन ... । अत्यंत रोचक
जवाब देंहटाएं:-)
जवाब देंहटाएंVery interesting indeed.
जवाब देंहटाएं:)
जवाब देंहटाएंगजब की मुद्राएं और सटीक कैप्शन!!
जवाब देंहटाएंग़ज़ब !
जवाब देंहटाएंरोचक पोस्ट
जवाब देंहटाएंआइडिया अच्छा है पर
जवाब देंहटाएंपर कहाँ प्यारे-प्यारे भोले-भाले बच्चे और कहाँ घिसे-घिसाए खूसट नेता!
:) :)
जवाब देंहटाएंपूर्णतः व्यक्त चेहरे, वाह।
जवाब देंहटाएंचेहरों से सब पता चल रहा है
जवाब देंहटाएंमजेदार!
जवाब देंहटाएंसही कहा आपने... बच्चों में कुछ भी छिपाने का गुण नही होता। लेकिन बड़े चेहरे के भाव छिपाने मे माहिर होते हैं।
जवाब देंहटाएंबिल्कुल सही कहा..इस चेहरे को यूंही दिल की जुंवा नहीं कहा जाता।। मजेदा प्रस्तुति।।। राजनीति की अच्छी बख्खैयां उधेड़ी हैं।।।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर...बहुत ही सुन्दर....
जवाब देंहटाएंचेहरा पढ़ना गजब रहा...
रोचक...इसके लिए बधाई...
जवाब देंहटाएंगजब की मुद्राएं और सटीक कैप्शन!!
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