हिंदी ब्लॉग का ऑस्कर पाएं, जर्मनी जाएं...खुशदीप


हिंदी में ब्लॉगिंग का भविष्य? हिंदी को प्रोत्साहन कैसे दिया जाए? भारत सरकार या देश के राज्यों की सरकारों ने हिंदी ब्लॉगिंग को बढ़ावा देने के लिए क्या-क्या किया? ये सवाल देश में अक्सर पूछे जाते हैं...लेकिन सवाल इनसे और भी बड़ा है...ऑनलाइन सक्रियता को सही परिप्रेश्र्य में बढ़ावा देने के लिए देश में क्या हो रहा है...क्या नेता और क्या अभिनेता, आज देश में हर कोई सोशल मीडिया के महत्व को समझ रहा है...देश की अग्रणी राजनीतिक पार्टियां तो 2014 के आम चुनाव में सोशल मीडिया की भूमिका को लेकर एक तरह से आतंकित सी हैं...लेकिन ठोस तौर पर और व्यक्तिगत स्तर पर इसे बढ़ावा देने के लिए कोई कुछ नहीं कर रहा...

खैर आता हूं, अहम मुद्दे पर....हिंदी ऑनलाइन सक्रियता की अलग-अलग विधाओं को बढ़ावा देने के लिए सरकारी तौर पर देश में चाहे कुछ ना सोचा गया हो...लेकिन जर्मनी के अंतरराष्ट्रीय ब्रॉ़डकॉस्टर डॉयचे वेले ने इस दिशा में इस साल से प्रशंसनीय पहल की है...डॉयचे वेले बॉब्स अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार के तहत बेस्ट ऑफ ब्लॉग्स के तहत ये पुरस्कार दिए जायेंगे... इसके जूरी मेंबर लोकप्रिय टेलीविजन एंकर रवीश कुमार होंगे... अबतक ये पुरस्कार अंग्रेजी समेत दूसरी भाषाओँ में दिए जाते थे लेकिन इस बार से हिंदी, यूक्रेनी और  तुर्की ब्लॉग्स को भी इसमें शामिल किया गया है...



आप ज़्यादा से ज़्यादा इस आयोजन के लिए सक्रियता दिखाएं, इसके लिए डॉयचे वैले की वेबसाइट से साभार ये जानकारी आपके लिए उपलब्ध करा रहा हूं...

किसका ब्लॉग है, सबसे अच्छा ?

ब्लॉग, इंटरनेट पर जिम्मेदारी के साथ बेबाकी से अपनी बात कहने का एक मंच है. हिन्दी के ब्लॉग भी अब चेतना फैलाने का काम कर रहे हैं. इंटरनेट पर हिन्दी के बढ़ते चलन का ही असर है कि डॉयचे वेले बॉब्स अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार में अब हिन्दी के ब्लॉग्स भी शामिल किये जा रहे हैं.

6 मार्च 2013 तक दुनिया भर के इंटरनेट यूजर्स 14 भाषाओं में अपनी तरफ से उम्मीदवारों को नामांकित कर सकेंगे. इसमें उन वेबसाइटों को नामांकित किया जा सकेगा जो सोशल मीडिया और नेटवर्किंग के जरिए इंटरनेट में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को बढ़ावा देती हैं और जनता को भागीदारी के लिए प्रेरित करती हैं.
अंतरराष्ट्रीय ज्यूरी सदस्य बॉब्स के विजेता तय करते हैं और इसके बाद वेबसाइटों की ऑनलाइन वोटिंग होती है. 15 ज्यूरी सदस्य छह सार्वजनिक श्रेणियों में विजेताओं को तय करते हैं. 34 श्रेणियों में इंटरनेट यूजर्स जनता पुरस्कार को तय करते हैं. 2012 में 3,000 से ज्यादा वेबसाइटों को नामांकित किया गया और 60,000 लोगों ने इंटरनेट के जरिए अपने वोट दिए.

नेटवर्क का समाज

हिंदी और यूक्रेनी सहित तुर्की बॉब्स की तीन नई भाषाओं में से है. उम्मीद है कि इनसे ब्लॉग जगत को बढ़ावा मिल सकेगा और सामाजिक नेटवर्कों में बहस की संस्कृति भी बढ़ेगी. इस साल की शुरुआत में स्प्रेब्लिक ब्लॉग ने लिखा कि जर्मनी में ब्लॉग संस्कृति को सामाजिक नेटवर्कों के मुकाबले और बढ़ावा दिया जाना चाहिए क्योंकि सामाजिक नेटवर्क अकसर अपने बिजनेस पर ध्यान देते हैं. इससे अलग ब्लॉग में विश्लेषण और बहस की संभावना ज्यादा होती है. तुर्की से इस साल ज्यूरी सदस्य बनकर आ रहे ओजगुर उत्सकान कहते हैं, “तुर्की में भी और ब्लॉग्स की जरूरत है क्योंकि हमें चीजों को देखने के और नए तरीके ढूंढने हैं और खुली बहस को आगे भी बढ़ाना है. उत्सकान मानते हैं कि बॉब्स जैसी पहल इसमें मददगार साबित हो सकती हैं- गाब्रिएल गोंसालेस जोरिया, मानसी गोपालकृष्णन


बॉब्स हिन्दी

6 फरवरी से बॉब्स तीन नई भाषाओं में शुरू हो रहा है.  बॉब्स यानी बेस्ट ऑफ ब्लॉग्स!!!

क्या आप बॉब्स 2013 के बारे में उत्सुक हैं? इस साल बॉब्स न केवल एक नए रूप में आ रहा है बल्कि इसमें कई सारी नई बातें भी हैं.  नौवें बॉब्स पुरस्कारों में 14 भाषाओं सहित तीन नई भाषाएं हिन्दी, तुर्की और यूक्रेनी शामिल हो रही हैं. इन नई भाषाओं में बेहतरीन ब्लॉग्स के लिए अब आप भी अपने प्रस्ताव रख सकते हैं.

यह कैसे होगा, बॉब्स में क्या श्रेणियां हैं और इसके अलावा आप बॉब्स के बारे में जो कुछ भी जानना चाहते हैं वह आप इन पन्नों पर पढ़ सकते हैं: अरबी, बांगला, चीनी, जर्मन, अंग्रेजी, फ्रांसीसी, हिन्दी, ब्हासा इंडोनेशिया, फारसी, पुर्तगाली, रूसी, स्पैनिश, तुर्की और यूक्रेनी.

साथ ही हम जानना चाहते हैं कि इन भाषाओं में कौन से माइक्रोब्लॉग्स सबसे प्रभावशाली और दिलचस्प हैं. इसलिए हम हर भाषा में माइक्रोब्लॉग ढूंढ रहे हैं.  इस साल से 34 श्रेणियों में पुरस्कार दिए जाएंगे.

2013 की जूरी

कौन सा ब्लॉग सबसे अच्छा है! यह तय करती है बॉब्स की प्रभावशाली जूरी. यह नामांकित ब्लॉग चुनती है और विजेता तय करती है. जूरी सदस्य आने वाले दिनों में बर्लिन में मिलेंगे और साथ बैठकर अपने दावेदार सामने रखेंगे और विजेता तय करेंगे.

तीन नई भाषाओं के लिए हमारे पास आ रहे हैं सक्षम प्रतिनिधि. इस्तांबुल से ओजगुर उकान वहां विश्वविद्यालय में मीडिया पढ़ाते हैं. वह तुर्की के प्रसिद्ध ब्लॉगरों और लेखकों में शामिल हैं. उन्होंने इंटरनेट के बारे में कई किताबें लिखी हैं.

यूक्रेन से हम नैयम मुस्तफा का स्वागत करेंगे.  अफगान मूल के मुस्तफा पत्रकार, ब्लॉगर और टीवी एंकर हैं और यूक्रेनी नेटवर्क की सबसे महत्वपूर्ण राजनीतिक आवाजों में से एक हैं. हिन्दी भाषा के जूरी सदस्य रहेंगे रवीश कुमार जो भारत में टीवी एंकर और ब्लॉगर हैं. जूरी के सभी सदस्यों के बारे में जानने के लिए इस लिंक पर जाएं...

http://thebobs.com/hindi/category/2013/jury-2013/

याद रखें, 6 फरवरी

6  फरवरी 12.00 CET (भारतीय समय से शाम 04:30 बजे) पर बॉब्स शुरू हो रहा है. 6 मार्च 2013 तक आप सारी श्रेणियों में ब्लॉग के नाम दे सकते हैं. हम आपके सुझावों का इंतजार करेंगे!

क्या है बॉब्स

डॉयचे वेले के अंतरराष्ट्रीय ब्लॉग पुरस्कार बेस्ट ऑफ ब्लॉग्स में 12 भाषाओं के उन ब्लॉग को पुरस्कृत किया जाता है जो इंटरनेट में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और खुले विचार पेश करते हैं. बॉब्स की शुरुआत 2004 में हुई. उस वक्त इसका मकसद था इंटरनेट में सूचना के नए तरीकों को बढ़ावा देना, नए मिसालों को पहचानना और अलग अलग भाषाओं में सूचना के नए तरीकों को बढ़ावा देना.

इस पुरस्कार के जरिए डॉयचे वेले कोशिश करता है कि खुली बहस हो और मानवाधिकारों को इंटरनेट में बढ़ावा मिल सके.

पिछले साल के 2011 के बॉब्स का लेखा-जोखा-
17 श्रेणी
12 भाषाएं (अरबी, बांग्ला, चीनी, जर्मन, अंग्रेजी, फ्रांसीसी, ब्हासा इंडोनेशिया, फारसी, पुर्तगाली, रूसी, स्पैनिश)
2100 सुझाव
ऑनलाइन वोटिंग में 90,800 वोट


श्रेणी
बॉब्स पुरस्कार 17 श्रेणियों में दिए जाते हैं. अरबी, बांग्ला, चीनी, जर्मन, अंग्रेजी, फ्रांसीसी, ब्हासा इंडोनेशिया, फारसी, पुर्तगाली, रूसी और स्पैनिश.

प्रतियोगिता के 17 श्रेणिय़ों में छह मुख्य श्रेणी हैं जिनमें सारी भाषाओं के ब्लॉगों में से विजेता चुने जाते हैं और हर भाषा में सर्वश्रेष्ठ ब्लॉग के लिए 11 श्रेणी हैं.

छह बड़ी श्रेणियों में हर श्रेणी के लिए एक जूरी पुरस्कार और एक सार्वजनिक पुरस्कार दिया जाता है. 11 श्रेणी में जीतने वाले ब्लॉगों में ऑनलाइन वोटिंग के जरिए विजेता चुना जाता है.

6 मुख्य श्रेणी (जूरी और सार्वजनिक पुरस्कार)

सर्वश्रेष्ठ ब्लॉग
इस श्रेणी में उस ब्लॉग को सम्मानित किया जाता है जो मानवाधिकार को बढ़ावा देता है और सार्वजनिक हित वाले मुद्दे उठाता है.

सामाजिक हित के लिए तकनीक का बेहतरीन इस्तेमाल

इस श्रेणी में एक सॉफ्टवेयर या इंटरनेट प्लेटफॉर्म को सम्मानित किया जाता है, जिसने तकनीक से समाज में बदलाव की कोशिश की और लोकतंत्र को बढ़ावा दिया हो.

बेहतरीन मुहिम
इस श्रेणी में ऐसी कोशिश को सम्मानित किया जाता है जो सामाजिक नेटवर्क और डिजिटल संपर्क से आजादी, लोकतंत्र और मानवाधिकार को बढ़ावा देता है. कंपनियों और संगठनों के प्रचार को इसमें शामिल नहीं किया जाता.

रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स पुरस्कार
विश्व पत्रकारिता संगठन रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स की मदद से इस श्रेणी में उन ब्लॉग को सम्मानित किया जाता है जो अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को बढ़ावा देते हैं.

शिक्षा और संस्कृति पुरस्कार
यह श्रेणी हर साल बदलती है. बॉब्स में इस साल उन वेबसाइटों को सम्मानित किया जाएगा जो संस्कृति और शिक्षा को अलग तरह से पेश करती हैं.

सर्वश्रेष्ठ वीडियो चैनल
इस कैटेगरी में वीडियो फॉर्मेट को सम्मानित किया जाता है जिसे सीरीज के तौर पर बनाया गया है. अगर सीरीज एक ही विषय पर हों तो अच्छा है लेकिन यह जरूरी नहीं है. वीडियो खास इंटरनेट के लिए बने होने चाहिएं.

11 भाषाओं की श्रेणियां

इसमें 11 भाषाओं में सर्वश्रेष्ठ ब्लॉग को चुना जाता है. वैसे ब्लॉग, जो खुली बहस को बढ़ावा देते हैं और राजनीतिक और सामाजिक घटनाओं का विश्लेषण और उनकी टिप्पणी करते हैं, उन्हें इस श्रेणी में मौका दिया जाता है.

अरबी का सर्वश्रेष्ठ ब्लॉग
बांग्ला का सर्वश्रेष्ठ ब्लॉग
चीनी का सर्वश्रेष्ठ ब्लॉग
जर्मन का सर्वश्रेष्ठ ब्लॉग
अंग्रेजी का सर्वश्रेष्ठ ब्लॉग
फ्रांसीसी का सर्वश्रेष्ठ ब्लॉग
ब्हासा इंडोनेशिया का सर्वश्रेष्ठ ब्लॉग
फारसी का सर्वश्रेष्ठ ब्लॉग
पुर्तगाली का सर्वश्रेष्ठ ब्लॉग
रूसी का सर्वश्रेष्ठ ब्लॉग
स्पैनिश का सर्वश्रेष्ठ ब्लॉग
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शर्तें
जूरी की एक बैठक के दौरान जूरी के एक सदस्य किसी दूसरी भाषा के ब्लॉग के बारे में कुछ सुन रहे थे. वह अचानक कुर्सी से उठे और बोलने लगे, “मैं इसके पक्ष में हूं. हमारे देश में भी कुछ ऐसी चीज की जरूरत है.“

 इस घटना से हम ऐसी विशेषता बताना चाहते हैं जो इस प्रतियोगिता को दूसरी प्रतियोगिताओं से अलग करता है. बॉब्स पुरस्कार के जूरी सदस्य अलग अलग देशों से आते हैं और उन्हें अलग अलग भाषाओं में ब्लॉगरों को बढ़ावा देना होता है, उन्हें सम्मानित करना होता है और उनके बारे में चर्चा करनी होती है.


हर श्रेणी में ब्लॉग का सार, उसकी व्यावहारिकता और बनावट पर ध्यान दिया जाता है. हमने इस सिलसिले में तीन शर्तें तय की हैं.

ब्लॉग का मसौदा
आइडिया और शुरुआत, उसका पालन, जानकारी
मुद्दा, समाजिक महत्व
पाठकों के अनुरूप, विश्वास दिलाने की क्षमता
भाषा का प्रयोग
लंबे वक्त तक मुद्दे पर बहस
पारदर्शिता और विश्वासजनक
सृजनात्मकता
देखने में अलग, कलात्मक पेशकश, इंटरनेट में सारी संभावनाओं का अच्छा प्रयोग
नया तरीका
नया रूप या ब्लॉग की खासियत

जूरी सदस्यों की बातचीत में इन सभी शर्तों के आधार पर बातचीत होती है. सारी भाषाओं को एक साथ देखने वाली श्रेणी में तय किया जाता है कि क्या कोई ब्लॉग अपनी भाषा की सीमाओं के बाहर भी लोगों को पसंद आ सकता है और क्या लोग उसका सहयोग भी कर सकते हैं.

जनता पुरस्कार

लोगों की वोटिंग के मुताबिक हर नामांकित ब्लॉगर को यह पुरस्कार दिया जाता है. जिस ब्लॉग या प्रोजेक्ट को सबसे ज्यादा वोट मिलते हैं, उसे इनाम दिया जाता है.
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नियम
पहला चरण- यूजर्स के प्रस्ताव

प्रतियोगिता की शुरुआत के साथ इंटरनेट पर यूजर्स से पूछा जाता है कि वह 11 भाषाओं में प्रतियोगियों को नामांकित करें.

पाठक केवल इन 11 भाषाओं में वेबसाइट नामांकित कर सकते हैं- अरबी, बांग्ला, चीनी, जर्मन, अंग्रेजी, फ्रांसीसी, ब्हासा इंडोनेशिया, फारसी, पुर्तगाली, रूसी और स्पैनिश. इस साल से हिंदी, यूक्रेनी और तुर्की भी जुड़े हैं.
आप खुद को नामांकित नहीं कर सकते
वेबसाइट इस तरह हो कि सब उसे देख सकें
डॉयचे वेले में काम कर रहे लोगों या जूरी सदस्यों की वेबसाइटों को नामांकित नहीं किया जा सकता.
हम ऐसे प्रस्ताव स्वीकार नहीं करते जो किसी की भावनाओं को आहत करें, जिनमें सांप्रदायिक भावनाओं या महिलाओं को अपमानित किया जाता हो या जिनमें अश्लील वेबसाइटों के लिंक हों.
एक प्रतियोगी को एक बार नामांकित करना काफी है. उसे कई बार नामांकित करने से उसके जीतने की संभावना पर कोई असर नहीं पड़ता.

दूसरा चरण- जूरी से तय फाइनलिस्ट
जूरी सदस्यों को अपनी अपनी भाषाओं में नामांकित ब्लॉगरों की सूची भेजी जाती है. हर भाषा के लिए एक जूरी सदस्य होता है. यह सदस्य नामांकित ब्लॉगों का विश्लेषण करते हैं और अपनी भाषा में फाइनलिस्ट तय करते हैं. अपनी भाषा में (बेस्ट ब्लॉग अंग्रेजी, जर्मन, स्पैनिश) एक एक कर वे कुल 11 ब्लॉगर चुनते हैं. संयुक्त श्रेणी में केवल एक को चुना जाता है. जूरी सदस्य अपनी तरफ से भी ब्लॉगरों का नामांकन कर सकते हैं. अगर कोई जूरी सदस्य अपनी भाषा से किसी को नामांकित नहीं करना चाहता, तो दूसरे भाषा से ब्लॉगर को लाया जाता है. 11 ब्लॉग हर भाषा से लाए जाते हैं. जूरी सदस्यों की अपनी वेबसाइट या जिन वेबसाइटों पर वे सक्रिय हैं, उन्हें प्रतियोगिता में शामिल नहीं किया जाता.

बॉब्स टीम में डॉयचे वेले के विभागों से एक प्रत्रकार को शामिल किया जाता है. यह पत्रकार जूरी सदस्यों की मदद करता है और उनके सवालों के जवाब देता है. लेकिन जूरी सदस्य अपनी भाषा में खुद फाइनलिस्ट तय करते हैं.

तीसरा चरण- ऑनलाइन वोटिंग और जूरी की बैठक

ऑनलाइन वोटिंग में यूजर्स अपने वोटों के जरिए हर श्रेणी में विजेता चुनते हैं.

जब अंतरराष्ट्रीय जूरी सारी श्रेणियों में फाइनलिस्ट तय कर देती है, तब वोटिंग शूरू होती है.
एक श्रेणी, भाषा और नेटवर्क पर 24 घंटे के अंदर सिर्फ एक बार वोट किया जा सकता है.
आप खुद को भी वोट दे सकते हैं.
17 श्रेणियों में वोटिंग से जनता के पसंदीदा विजेता को चुना जाता है. जूरी पहली छह संयुक्त श्रेणियों में मिलकर विजेता चुनती है.
विजेताओं को तय करने के लिए जूरी सदस्य डॉयचे वेले के निमंत्रण पर बर्लिन आते हैं और वहां एक दिन के बैठक में हिस्सा लेते हैं. अगर जूरी सदस्य किसी वजह से नहीं आ पाते तो बॉब्स के पत्रकार कुछ समय के लिए उनकी जगह ले लेते हैं और जूरी सदस्य का काम करते हैं. जूरी केवल संयुक्त श्रेणी में विजेताओं को चुनती है. डॉयचे वेले का एक सदस्य बैठक की अध्यक्षता करता है लेकिन उसे वोटिंग का अधिकार नहीं है.

वोटिंग केवल अंतरराष्ट्रीय जूरी सदस्य कर सकते हैं. वे कई चरणों के मतदान के बाद बहुमत के आधार पर विजेता तय करते हैं. हर श्रेणी में हर जूरी सदस्य अपने नामांकित प्रतियोगियों को पेश करता है. सारे प्रतियोगियों के परिचय के बाद पहला मतदान होता है. सबसे ज्यादा वोट हासिल करने वाले तीन प्रतियोगियों पर बहस होती है और फिर वोटिंग की जाती है. सबसे ज्यादा वोट पाने वाले दो ब्लॉगरों पर फिर बात होती है और फिर तीसरे मतदान के बाद विजेता तय हो जाता है. विजेता का नाम इस वेबसाइट पर बताया जाता है.
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कार्यक्रम
नौवें बॉब्स पुरस्कार- डॉयचे वेले ब्लॉग पुरस्कार

13 फरवरी से 13 मार्च 2013 तक बॉब्स के लिए प्रस्ताव भेजे जा सकते हैं. प्रस्तावित ब्लॉग इन 11 में से एक भाषा में होना चाहिए. (अरबी, बांग्ला, चीनी, जर्मन, अंग्रेजी, फ्रांसीसी, ब्हासा इंडोनेशिया, फारसी, पुर्तगाली, रूसी या स्पैनिश) और 17 कैटेगरी में से एक में खरा उतरना चाहिए.

बॉब्स में प्रस्तावों की संख्या से जीतने पर कोई असर नहीं होता क्योंकि अंत में जूरी ही विजेताओं को तय करती है.

जूरी प्रस्तावों को देखती है और फाइनलिस्ट तय करती है

13 मार्च से 2 अप्रैल 2013 तक अंतरराष्ट्रीय जूरी काम पर लगी रहती है. जूरी फाइनलिस्ट को तय करती है- यानी हर श्रेणी में 11 नामांकित ब्लॉग. इनमें से विजेताओं को चुना जाता है.

बॉब्स में हर साल जूरी विजेता और यूजर विजेता होते हैं. एक दिन की बैठक में जूरी छह संयुक्त श्रेणियों में विजेताओं को तय करती है. यूजर वोटिंग के जरिए एक विजेता को चुना जाता है. 17 भाषाओं में 11 फाइनलिस्ट ऑनलाइन वोटिंग में हिस्सा ले सकते हैं.

ऑनलाइन वोटिंग

17 श्रेणियों में से 11 फाइनलिस्ट की ऑनलाइन वोटिंग 2 अप्रैल से 2 मई तक होती है. हर श्रेणी के लिए 24 घंटे में एक बार वोट दिया जा सकता है. सबसे ज्यादा वोट पाने वाले प्रतियोगी को इनाम दिया जाता है.

बर्लिन में जूरी की बैठक

अंतरराष्ट्रीय जूरी 1 मई 2013 को बर्लिन में डॉयचे वेले के दफ्तर में मिलेगी. छह संयुक्त श्रेणियों में विजेताओं को खास मतदान से तय किया जाएगा.

विजेता का एलान

सारे विजेता- यूजर और जूरी विजोताओं के नाम 2 मई 2013 को बॉब्स की वेबसाइट पर बताया जाएगा. जूरी विजेताओं को पुरस्कार समारोह के लिए बॉन बुलाया जाएगा.

पुरस्कार समारोह

26 जून 2013 को बॉब्स 2013 पुरस्कार समारोह का आयोजन डॉयचे वेले ग्लोबल मीडिया फोरम में किया जाएगा.
(सामग्री- साभार डॉयचे वैले वेबसाइट)

सब पढ़ लिया, अब सोच क्या रहे हैं, ब्लॉग के नामांकन के लिए नीचे दिए लिंक पर जाएँ...लेकिन याद रखिए कि आप अपने ब्लॉग का सुझाव खुद नहीं दे सकते...अगर ऐसा करेंगे तो सुझाव पर विचार नहीं किया जाएगा....

http://thebobs.com/hindi/

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19 टिप्पणियाँ
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  1. बहुत ही सराहनीय प्रयास..ब्लॉग लेखन को निश्चय ही बढ़ावा मिलेगा इससे।

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  2. सराहनीय प्रयास !
    कुछ दिन पहले फेसबुक के जरिये इसकी जानकारी मिली थी !

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  3. ओह कितना तो जटिल मामला है नामांकन का।

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  4. नामांकन तो आसान है। चुनाव कठिन होगा। हमने देशनामा को बेहतरीन ब्लॉग के रूप में नामांकित कर दिया। अब बारी रवीश कुमार और दूसरे जूरी मेंबर की।

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    1. शुक्रिया अनूप जी,
      आपने मुझे इस योग्य समझा, मेरे लिए तो यही सबसे बड़ा इनाम हो गया...लेकिन ये पोस्ट मैंने अपने नामांकन के उद्देश्य से नहीं, इच्छुक ब्लॉगरगण की जानकारी के लिए डाली है...

      जय हिंद...

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    2. खुशदीप जी,
      जब मैंने आपके ब्लॉग पर यह पोस्ट पढ़ी तो मुझे अचानक डा.अमर कुमार याद आये। वो मौका याद आया जब उन्होंने मुझे एस.एम.एस. करके आपको लिखते रहने को कहा था। उनसे जुड़ी तमाम बातें याद आ गयीं। फ़िर मैंने आपके ब्लॉग का नामांकन कर दिया। आप एक समय सबसे नियमित लिखने वालों में थे। बाकी नामांकित तो कोई न कोई करता ही। मैंने ही कर दिया। :)

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    3. अनूप जी,
      डॉ अमर कुमार से साक्षात मिलने का मुझे कभी सौभाग्य प्राप्त नहीं हो सका...उनसे फोन पर भी बहुत कम बार बात हुई...लेकिन ब्लॉग के ज़रिए ही उनसे ना जाने कैसा रिश्ता जुड़ गया जो अब मेरे लिए अब जीवनपर्यंत अनमोल धरोहर रहेगा...हर सुबह प्रार्थना के वक्त मैं अपने दिवंगत पिता को याद करता हूं तो डॉक्टर साहब का नाम खुद-ब-खुद साथ आ जाता है...

      डॉ अमर मरे नहीं, अमर कभी मरते नहीं...

      जय हिंद...

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  5. उम्दा कदम! बेहतर होगी ब्लॉगिंग। आभार सूचना के लिए।

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  6. इस जानकारी को आपने साझा किया -आभार ! अब आपका फर्ज बनता है कि आप अनूप शुक्ल जी को नामित कर दें! :-)

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    1. अपना भी कुछ फ़र्ज निभाइये महाराज! एकाध ब्लॉग का नामांकन कीजिये।

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  7. बढ़िया ...यानि नामाँकन है तो दूसरों के रहमो-करम पर ...

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  8. बहुत लम्‍बी पोस्‍ट है। भगवान इन ब्‍लोगरों को भी पुरस्‍कार के रोग से बचाए।

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    उत्तर
    1. अजित जी,
      ये कोई पोस्ट नहीं, बस डॉयचे वैले की वेबसाइट पर बॉब्स के बारे में दी गई सारी जानकारी का संकलन भर है...क्योंकि हिंदी को इसी साल से जोड़ा गया है...इसलिए सभी हिंदी ब्लॉगरों की जानकारी में लाने के लिए मैंने उसे यहां रिपीट कर दिया...वैसे भी ये पुरस्कार से ज़्यादा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और ऑनलाइन सक्रियता के सम्मान का आयोजन है...

      जय हिंद...

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    2. अगर पोस्ट को थोड़ा और सरल और संक्षिप्त कर देते ...। कई बार पढना पड़ेगा ...।

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  9. बहुत ही सराहनीय प्रयास है इससे हिंदी ब्लॉगिंग को एक नयी उर्जा मिलेगी ।

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