दिग्विजय श्वान ने ३ दिन पूर्व बोला था की क्यों नहीं कोई धमाका हो रहा है जब से प्रज्ञा ठाकुर पकड़ी गयी है.. अब लो हो गया धमाका शायद बाटला हॉउस में बिरयानी खा रहा है.. मुझें लगता है ये कांग्रेस प्रायोजित ब्लास्ट है...मीडिया को मिल गया मसाला १० दिन के लए और काला धन भ्रष्टाचार अन्ना का जन्लोकपाल सबसे ध्यान हट गया .. अफजल और कसब को दामाद बना कर रखने वाली व्यवस्था में हम इससे ज्यादा क्या सोच सकते हैं.. ये जेहादी श्वान यही कह रहें हैं की हम तो फोड़ेंगे बम तुम्हारे हिजड़े शासको का समर्थन है..क्या कर लोगे???
देश के दुश्मनों के लिए काम करने वाले ग़द्दारों को चुन चुन कर ढूंढने की ज़रूरत है और उन्हें सरेआम चैराहे पर फांसी दे दी जाए। चुन चुन कर ढूंढना इसलिए ज़रूरी है कि आज ये हरेक वर्ग में मौजूद हैं। इनका नाम और संस्कृति कुछ भी हो सकती है, ये किसी भी प्रतिष्ठित परिवार के सदस्य हो सकते हैं। पिछले दिनों ऐसे कई आतंकवादी भी पकड़े गए हैं जो ख़ुद को राष्ट्रवादी बताते हैं और देश की जनता का धार्मिक और राजनैतिक मार्गदर्शन भी कर रहे थे। सक्रिय आतंकवादियों के अलावा एक बड़ी तादाद उन लोगों की है जो कि उन्हें मदद मुहैया कराते हैं। मदद मदद मुहैया कराने वालों में वे लोग भी हैं जिन पर ग़द्दारी का शक आम तौर पर नहीं किया जाता। ‘लिमटी खरे‘ का लेख इसी संगीन सूरते-हाल की तरफ़ एक हल्का सा इशारा कर रहा है. ग़द्दारों से पट गया हिंदुस्तान Ghaddar
तेरा-सात का मनहुस आंकड़ा ? फिर हुआ मुम्बई पर प्रहार ? होली खेली खून से , हो गई मुम्बई लाल, लाल मिलाकर पानी में, ज़ामो में दिया ढाल, जश्न मनाया कसाव का, काटे केक हजार, परेशान मुम्बईकर, अब क्या करेगी सरकार -- कहत'दर्शन ' कवीराय,एक दिन ऐसा आएगा -- पैदा होगा कोई 'भगत', संहार कर सूली चड़ जाएगा !!! कायरता के वाशिन्दो ! होगा बुरा हाल -- एक दिन तुमको भी खुद, देना होगा खुदा को साक्षात्कार !!!
दिग्विजय श्वान ने ३ दिन पूर्व बोला था की क्यों नहीं कोई धमाका हो रहा है जब से प्रज्ञा ठाकुर पकड़ी गयी है..
जवाब देंहटाएंअब लो हो गया धमाका शायद बाटला हॉउस में बिरयानी खा रहा है..
मुझें लगता है ये कांग्रेस प्रायोजित ब्लास्ट है...मीडिया को मिल गया मसाला १० दिन के लए और काला धन भ्रष्टाचार अन्ना का जन्लोकपाल सबसे ध्यान हट गया ..
अफजल और कसब को दामाद बना कर रखने वाली व्यवस्था में हम इससे ज्यादा क्या सोच सकते हैं..
ये जेहादी श्वान यही कह रहें हैं की हम तो फोड़ेंगे बम तुम्हारे हिजड़े शासको का समर्थन है..क्या कर लोगे???
"सदैव आपकी सेवा में - आपकी नपुंसक सरकार"
जवाब देंहटाएंदेश के दुश्मनों के लिए काम करने वाले ग़द्दारों को चुन चुन कर ढूंढने की ज़रूरत है और उन्हें सरेआम चैराहे पर फांसी दे दी जाए। चुन चुन कर ढूंढना इसलिए ज़रूरी है कि आज ये हरेक वर्ग में मौजूद हैं। इनका नाम और संस्कृति कुछ भी हो सकती है, ये किसी भी प्रतिष्ठित परिवार के सदस्य हो सकते हैं। पिछले दिनों ऐसे कई आतंकवादी भी पकड़े गए हैं जो ख़ुद को राष्ट्रवादी बताते हैं और देश की जनता का धार्मिक और राजनैतिक मार्गदर्शन भी कर रहे थे। सक्रिय आतंकवादियों के अलावा एक बड़ी तादाद उन लोगों की है जो कि उन्हें मदद मुहैया कराते हैं। मदद मदद मुहैया कराने वालों में वे लोग भी हैं जिन पर ग़द्दारी का शक आम तौर पर नहीं किया जाता।
जवाब देंहटाएं‘लिमटी खरे‘ का लेख इसी संगीन सूरते-हाल की तरफ़ एक हल्का सा इशारा कर रहा है.
ग़द्दारों से पट गया हिंदुस्तान Ghaddar
तेरा-सात का मनहुस आंकड़ा ?
जवाब देंहटाएंफिर हुआ मुम्बई पर प्रहार ?
होली खेली खून से ,
हो गई मुम्बई लाल,
लाल मिलाकर पानी में,
ज़ामो में दिया ढाल,
जश्न मनाया कसाव का,
काटे केक हजार,
परेशान मुम्बईकर,
अब क्या करेगी सरकार --
कहत'दर्शन ' कवीराय,एक दिन ऐसा आएगा --
पैदा होगा कोई 'भगत',
संहार कर सूली चड़ जाएगा !!!
कायरता के वाशिन्दो !
होगा बुरा हाल --
एक दिन तुमको भी खुद,
देना होगा खुदा को साक्षात्कार !!!
हम कब अपने देश को सुरक्षित बना सकेंगे?
जवाब देंहटाएंkab pakistaan khatm hoga...??
जवाब देंहटाएंकब तक हम हत्तारों को बिरयानी खिलाएंगे बैठाकर?
जवाब देंहटाएंअब जिन्दा रखेंगे तो जन्मदिन भी मनाएंगे .
जवाब देंहटाएंबेहद दुर्भाग्यपूर्ण .
दुखद ....
जवाब देंहटाएंयह दरिन्दे इंसान नहीं हैं ....
सच कहा आपने, अब तो नाम में ही चीख सुनायी पड़ती है।
जवाब देंहटाएंआतंकियों का कोई धर्म नहीं होता की रट लगाओ और इन्तजार करो किसी राजनीतिबाज के बयान का कि भगवा संगठन इसके पीछे हो सकते हैं. चेक की प्रतीक्षा करो..
जवाब देंहटाएंCowardly act,
जवाब देंहटाएंविवेक जैन vivj2000.blogspot.com