ओसामा का सच जो आपको चौंका देगा...खुशदीप




हर कोई ये जानना चाह रहा है कि ओसामा बिन लादेन के एबटाबाद में पाकिस्तानी सेना की ठीक नाक के नीचे छिपे रहने की सटीक जानकारी ओबामा को किसने दी...आखिर पच्चीस करोड़ डॉलर का इनाम था ओसामा के सिर पर...कोई भी इतनी बड़ी रकम के लालच में आ सकता था...कहने वाले तो यहां तक कह रहे हैं कि अल क़ायदा में नंबर दो अयमान अल जवाहिरी ने ही लादेन के बारे में एक-एक सूचना अमेरिकी सरकार को उपलब्ध कराई और इसी वजह से अमेरिका पिन-प्वाइंट कार्रवाई कर सका...लेकिन मेरे हाथ कुछ और ही जानकारी लगी है...मुझे यकीन है कि इस और आपका ध्यान पहले नहीं गया होगा...लीजिए अब दिल थाम कर सुनिए इसे...

एबटाबाद में हवेली में छिपे होने की जानकारी ओबामा प्रशासन को खुद ओसामा बिन लादेन ने दी थी...जी हां, खुद लादेन ने...आप कहेंगे, लादेन को क्या ज़रूरत थी अपनी मौत खुद बुलाने की...आ बैल, मुझे मार, कहने की...आखिर ऐसी क्या मजबूरी थी लादेन की...वो मजबूरी थी...



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तीन-तीन पत्नियों के साथ एक ही मकान में छह साल तक रह कर दिखाइए...वो भी घर से बाहर जाए बिना...आखिर लादेन के सब्र के लदने की भी कोई हद होती...बेचारे से रहा नहीं गया तो खुद ही अमेरिकी नेवी सील्स के कमांडो को संदेश भेज दिया, मुझे किसी भी तरह यहां से हमेशा हमेशा के लिए मुक्ति दिलाओ...यहां तक कि मौत भी कबूल होगी...

Lady on the phone and Makkhan...Khushdeep

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24 टिप्पणियाँ
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  1. यह आप हैं इसलिए जाने दे रहा हूँ वर्ना किसी की मौत का मज़ाक़ कैसे बनाया जाता है ?, यह मैं बताता !

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  2. चूहे की तरह बिल में दुबके रहने वालों की मौत का मजाक ही बनाया जाता है ... उन पर शौर्य गाथाएं कोई नहीं लिखता ... बढ़िया व्यंग्य खुशदीप भाई !
    जय हिंद !

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  3. हिंदी ब्‍लॉगिंग पर वापसी का स्‍वागत करें या अचरज ? लेकिन अच्‍छा लगा है।

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  4. डाक्टर अनवर जमाल बिल्कुल ठीक कह रहे हैं खुशदीप जी। आपको इस तरह किसी की मृत्यु का मजाक नहीं बनाना चाहिये। ओसामा ने अमरीका को छठी का दूध याद दिलाया है इसे भी नहीं भूलना चाहिये। पूरे विश्व की सेनायें जिसके पीछे पड़ी हों और फिर भी जो पति का धर्म निभा रहा हो वो दुबका हुआ नहीं कहलाता मिश्रा जी, अण्डर्स्टुड।

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  5. अरे यार खुशदीप ......
    कमाल हो गया यह किसी कि समझ नहीं आई ... :-)
    मक्खन को पालने का यही फायदा है !!

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  6. तीन बीबियों के साथ एक घर में बंद। फिर तो गोलियाँ बेकार ही खर्च की गईं।

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  7. वाह खुशदीप जी वाकई चौकाने वाली खबर है...

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  8. ये दर्द तो बीवी वाले ही जान सक्ते थे ना खुशदीप भाई,हमारे पास होती तो हम भी जान जाते की लादेन की जान एक नही तीन-तीन जानों के कारण गई है।हा हा हा हा हा,मस्त चकाचक्।

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  9. सच है, रोज मरने से तो अछ्छा है कि एक बार मर जाओ।

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  10. एक के साथ रहकर तो सब दिखा रहे हैं । यानि एक तिहाई बहादुर तो हैं । :)

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  11. accha hai :)
    phir to obama ko un teenon ko award dena chahiye!

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  12. अरे पर मरे हुए को मारने की क्या जरुरत थी ?:) :)

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  13. आपकी रचनात्मक ,खूबसूरत और भावमयी
    प्रस्तुति भी कल के चर्चा मंच का आकर्षण बनी है
    कल (16-5-2011) के चर्चा मंच पर अपनी पोस्ट
    देखियेगा और अपने विचारों से चर्चामंच पर आकर
    अवगत कराइयेगा और हमारा हौसला बढाइयेगा।

    http://charchamanch.blogspot.com/

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  14. मुझे लगता हे कल परसॊ जो एक दम से सारे ब्लाग अटक गये थे, ओर उस से पिछली सारी पोस्टे ओर कामेंट गायब हे वो इसी कारण हुये होंगे, बाकी तीन बीबियाओ संग रहने मे कोई कठिनाई नही, मुझे मोका तो मिले? तीन क्या छ के संग भी रह लूंगा वो भी जिंदा:)

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  15. laden ka dard samajhane ke liye bahut bahut badhai. aur bahut bahut dhanyavaad samaj ko nayi soch dene ke liye. mazedaar tha. bakiyon ko kyun bura lag raha hai ye samjh nahi aaya, jisne poori duniya ko mazak bana diya hum uski maut ka bhi mazak nahi bana sakte ye to galat hai.

    think zara hat ke.

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  16. मरे हुए को मार कर ठीक नहीं किया अमरीका ने. :)

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  17. jo likha sahi likha .....

    यह आप हैं इसलिए जाने दे रहा हूँ वर्ना किसी की मौत का मज़ाक़ कैसे बनाया जाता है ?, यह मैं बताता !

    itne bade siphasalar ho to yaha kiya kar rahe hoo ab tak to america pedal chal ke pahuch gaye hote ........
    jai baba banaras....

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  18. खुशदीप जी बहुत हुआ ओसामा ओसामा आज से ब्लॉगिंग की दुनिया में फिर से लौटी हूं इसलिए ज़रा अपना मन ओसामा के अलावा कहीं ओर भी लगाइए रसबतिया पर आइए

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