ये तस्वीरें आज़ादी से पहले ब्रिटिश हुकूमत की नहीं हैं ...ये तस्वीरें यूपी के रामपुर मिलक में 19 फरवरी को ली गईं...खाता नगरिया गांव का किसान शाबू खां गन्ना छीलने गया था...उसकी लाश दूसरे गांव के जंगल में मिली...तफ्तीश के लिए पुलिस पहुंची... लेकिन ये देखकर ठिठक गई कि दोनों गांवों के बीच एक नाले जैसी पतली नदी बहती है...गांव वालों का ये रोज़ का रास्ता बेशक हो लेकिन पुलिस वाले साहब भला कैसे पानी में पैर रखें...जूते-पैंट भीगने का डर...वहीं सवाल करने लगे तो मृतक के परिजनों ने घटनास्थल तक चलने का अनुरोध किया....कोतवाल बीडी शर्मा और एएसआई सुरेंद्र सिंह बराच की हिचक देखकर गांववालों ने इल्तज़ा की कि हमारे कंधों पर चलिए हुजूर...और दोनों साहब भी तैयार हो गए...कौन कहता है कि देश को आज़ाद हुए 64 साल हो गए....
पुलिस जी, आओ ढोए तुम्हारी पालकी...खुशदीप
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रविवार, फ़रवरी 20, 2011
ये तस्वीरें आज़ादी से पहले ब्रिटिश हुकूमत की नहीं हैं ...ये तस्वीरें यूपी के रामपुर मिलक में 19 फरवरी को ली गईं...खाता नगरिया गांव का किसान शाबू खां गन्ना छीलने गया था...उसकी लाश दूसरे गांव के जंगल में मिली...तफ्तीश के लिए पुलिस पहुंची... लेकिन ये देखकर ठिठक गई कि दोनों गांवों के बीच एक नाले जैसी पतली नदी बहती है...गांव वालों का ये रोज़ का रास्ता बेशक हो लेकिन पुलिस वाले साहब भला कैसे पानी में पैर रखें...जूते-पैंट भीगने का डर...वहीं सवाल करने लगे तो मृतक के परिजनों ने घटनास्थल तक चलने का अनुरोध किया....कोतवाल बीडी शर्मा और एएसआई सुरेंद्र सिंह बराच की हिचक देखकर गांववालों ने इल्तज़ा की कि हमारे कंधों पर चलिए हुजूर...और दोनों साहब भी तैयार हो गए...कौन कहता है कि देश को आज़ाद हुए 64 साल हो गए....
धन्य है....
जवाब देंहटाएंवे लोग जिनके कन्धों को इन महान आत्माओं को सवार करने का मौका मिला.
ऐसी महान अत्मावो को पृथ्वी पर नहीं नरक में होना चाहिए. मतलब कि नदी में ही ससुरे को डुबो देना चाहिए था.
जवाब देंहटाएंतो क्या पुलिस वाले गांव वालों को कंधों पर उठाएं :)
जवाब देंहटाएंये क्या तफ्तीश करेंगे। फोटो खींचने वाले ने इन की तफ्तीश कर दी। नाला पार कराने का बिल भी सरकार से पास करवा लिया हो तो कहा नहीं जा सकता।
जवाब देंहटाएंधन्य हो ...जीवित ही इंसानों के ऊपर सवार हो गए
जवाब देंहटाएंयह साले उधर तो जुते साफ़ करते हे ओर इधर गरीब जनता के आगे नखरे करते हे, अरे बाबा इन्हे बीच धार मे फ़ेंक देना था
जवाब देंहटाएं"हो रहा भारत निर्माण !"
जवाब देंहटाएंजीते जी कंधे की सवारी, क्या बात है।
जवाब देंहटाएंसब लाट साहब बने घूम रहे हैं....
जवाब देंहटाएंठंड बहुत है... जब तक गर्मी न मिले पैर आगे को बढ़ते ही नहीं :)
जवाब देंहटाएंकालजयी फोटो है ये उत्तर प्रदेश प्रशासन की :)
जवाब देंहटाएंएक दो तीन तो नहीं कर रहे हैं?
जवाब देंहटाएंयह भी जानने लायक है कि अधिकतर घटनास्थल पर पुलिस कि आवभगत करने वाले अपराधियों के परिजन और मित्रगण ही होते हैं !
जवाब देंहटाएंuut pradesh hai yeha par kuch bhee ho sakata hai----
जवाब देंहटाएंjai baba banaras------------
Pulis bhi mahaan है apne mahaan Bharat desh ki ... angrezi rawaayat ka paalan kar rahi है ab tak .....
जवाब देंहटाएंहद है...
जवाब देंहटाएंohhhooooo...
जवाब देंहटाएंhad ki bhi had hai, maza to tab aata jab janab phisal kar gir jaate
'kar chale hum fida jaano tan saathion,ab tumhaare havaale vatan
जवाब देंहटाएंsaathion'
Arre ! bhai Kushdeepji dekhte nahi
aap, jaano tan to havaale kar hi diya hai in janaab ne aur phir vatan ko aap hum sabhi ke havaale karte hue jaa rahe hain.Aur kya chchiye in janaab se ?
जवाब देंहटाएंहद तो यह है कि, यह खबरिया तुम कहाँ से तोड़ लाये ।
और भी बहुत से कारनामें होते हैं, इन वर्दी वालों के.. क्या क्या देखोगे ?
सही में नदी में ही ससुरे को डुबो देना चाहिए था
जवाब देंहटाएंपरजा तंतर
पुलिस महान...
इस जंगल राज में जनता परेसान