वसंत पंचमी पर बस आज मलिका पुखराज और उनकी बेटी ताहिरा सैयद की पुरकश आवाज़ में खो जाइए, मेरी तरह...यकीन नहीं आता तो सुनिए, वसंत का जादू आपके भी सिर चढ़ कर बोलेगा...
वाह वाह ! क्या खूबसूरत और मोहक गीत सुनवाया आपने... सुबह खुशनुमा हो गयी... यह टिप्पणी देर से कर रहा हूँ.... क्योकि पेज रिलोड होते ही गीत बंद हो जाता:) दसियों बार सुनने के बाद भी जी नहीं भरता ... बहुत मोहक ... बसंत आगमन की मंगल कामनाएँ
वाह वाह ! क्या खूबसूरत और मोहक गीत सुनवाया आपने... सुबह खुशनुमा हो गयी... यह टिप्पणी देर से कर रहा हूँ.... क्योकि पेज रिलोड होते ही गीत बंद हो जाता:) दसियों बार सुनने के बाद भी जी नहीं भरता ... बहुत मोहक ...
जवाब देंहटाएंबसंत आगमन की मंगल कामनाएँ
संभवतः यह पाकिस्तानी मूल का गीत लगता है... हमारे यहाँ तो "लो फिर बसंत आया" होता है॥ उधर बसंत आई होता होगा :)इधर गाते तो बोलते "लो फिर बसंती आई" :P
जवाब देंहटाएंखूबसूरत गीत सुनवाया आपने
जवाब देंहटाएंवसंत पंचमी की ढेरो शुभकामनाए
आज तो गीत के साथ ही बसंत का अनुभव कर लिया, बहुत अच्छा लगा गीत।
जवाब देंहटाएंमधुर कर्णप्रिय गीत।
जवाब देंहटाएंबसंत यदि ऋतु है तो आएगी ही, और यदि मौसम है तो आएगा। वह पाकिस्तान और हिन्दुस्तान सब जगह बिना भेद के आती है। विशुद्ध भारतीय गीत है।
जवाब देंहटाएंमेरा मन पसंदीदा गीत सुनवाने के लिए आभार खुशदीप भाई !
जवाब देंहटाएंwaah aanand aa gaya
जवाब देंहटाएंशानदार प्रस्तुति। \बसंतोत्सव की हार्दिक शुभकामनायें।
जवाब देंहटाएंek sunder nagana pasand aaya --------------------------------------------------------------------------------------jai baba banaras-------------------
जवाब देंहटाएंजय हो !
जवाब देंहटाएंकल से येही तो कर रहा हूँ...अब आपके ब्लॉग पर एक बार और सही..हफीज साहब मलिका पुखराज और ताहिरा ने कमाल किया है...
जवाब देंहटाएंनीरज
बहुत ही सुंदर और कर्णप्रिय, शुभकामनाएं.
जवाब देंहटाएंरामराम.
खो गए जी बसंती रंग और राग में ।
जवाब देंहटाएंवाह वाह... बसंत ही बसंत.
जवाब देंहटाएंAdbhut,anupam,karnpriya
जवाब देंहटाएंsangeet kya hai jaise behta hua jharna
Basant sakar ho utha.Shukriya Kushdeep Bhai.