आज आपको इस माइक्रोपोस्ट से यक़ीन हो जाएगा कि मर्द बेचारे कितने बेचारे होते हैं...
मसलन...
अगर औरत पर हाथ उठाये तो : ज़ालिम
औरत से पिट जाये तो : बुज़दिल
चुप रहे तो : बेगैरत
घर से बाहर रहे तो : आवारा
घर में रहे तो : नकारा
बच्चों को डाटें तो : बेरहम
न डाटें तो : लापरवाह
पत्नी को नौकरी से रोके तो : शक्की-मिज़ाज
न रोके तो : पत्नी की कमाई खानेवाला
मां की माने तो : मां दा लाडला
पत्नी की सुने तो : जोरू का गुलाम
न जाने कब आएगा : Happy Mens Day ?
मुझे लगता है कि यहां तक पढ़ने के बाद मर्द डिप्रैशन में आना शुरू हो गए होंगे...
अब उनके डिप्रैशन को दूर करने के लिए परम श्रद्धेय बाबा खुशवंत सिंह जी के कॉलम से आभार लिया स्लॉग ओवर सुनाता हूं...
स्लॉग ओवर
जितने भी वफ़ादार पति होते हैं, मरने के बाद सीधे स्वर्ग में जाते हैं...
और जो पति वफ़ादार नहीं होते यानी नॉटी होते हैं वो...
...
...
...
जीते जी ही स्वर्ग धरती पर ले आते हैं...
(वैधानिक चेतावनी...मर्द अपने जोखिम पर इस स्लॉग ओवर के पालन की सोचें...वैसे बचेंगे तब सोचेंगे न..)
(विशुद्ध हास्य)
बेचारा मर्द...खुशदीप
32
मंगलवार, दिसंबर 14, 2010
बेचारा...... खुश दीप जी कही यह पोस्ट हमारे लिये तो नही लिखी, कभी कभी हमे यह सब सुनाने पढते हे,ओर जो वफ़ा दार भी हो ओर नाटी भी हो उन की वल्ले वल्ले जी, राम राम जी
जवाब देंहटाएंपहले आप अपने बारे में बताओ ... फिर हम इस स्लोग ओवर पर अमल करने के विचार के विषय में सोचेंगे !
जवाब देंहटाएंतब तक हम बेचारे ही सही !
जय हिंद !
bahut badddhiya.
जवाब देंहटाएं:) ;) :p
जवाब देंहटाएंबेहतरीन पोस्ट लेखन के बधाई !
आशा है कि अपने सार्थक लेखन से,आप इसी तरह, ब्लाग जगत को समृद्ध करेंगे।
आपकी पोस्ट की चर्चा ब्लाग4वार्ता पर है - पधारें - पैसे का प्रलोभन ठुकराना भी सबके वश की बात नहीं है - इस हमले से कैसे बचें ?? - ब्लॉग 4 वार्ता - शिवम् मिश्रा
आओ खुशदीप जी
जवाब देंहटाएंखुशवंत जी से
मिलने चलते हैं
mard ki chintaon se aaap achhi tarah vakif hai
जवाब देंहटाएंdhanyvad
बताइये, अब कोई करे तो क्या करे?
जवाब देंहटाएंजिएं तो जिएं कैसे...?
जवाब देंहटाएंजय हो!
जवाब देंहटाएंसच घटना है,मोहल्ले में बाप-बेटा दोनो दारु पीकर लड़ रहे थे।
जवाब देंहटाएंकिसी बात पर बाप को गुस्सा आ गया। उसने बेटे को दो चार थप्पड़ जड़ दिए। तो बेटे ने बाप से कहा -
राम लाल "मर्द को दर्द नहीं होता" हा हा हा हा
वाह वा ..वाह वा .....खुशदीप बाबा
जवाब देंहटाएंसो मैंने भी आप को पहचान लिया ......
बुजदिल
आवारा
नाकारा
लापरवाह
शक्की दा मिजाज़
माँ दा लाडला और जोरू का गुलाम दोनों आप हो ही ...( यह कला सिर्फ आपको आती है )
आगे का तो मुझे भी नहीं मालुम ..?????
:-(
6/10
जवाब देंहटाएंसंग्रहणीय पोस्ट :)
मर्दों के पक्ष में पहली बार कोई इतनी सशक्त पोस्ट देखी
@सतीश भाई,
जवाब देंहटाएंआप जबसे हमें मिलने लगे,
आपकी सोहबत में.
हम भी निखरने लगे...
जय हिंद...
हा हा! बेचारे मर्द!!
जवाब देंहटाएंखुशदीप जी, आज तो हँसते-हँसते पेट में बल पड़ गए। क्या विश्लेषण किया है? बहुत आनन्द आया।
जवाब देंहटाएंये रचना शायद कुछ दिन पहले प[ाढी थी। वाकई बहुत अच्छी खोज है। कितना चिन्तन किया होगा इस पर? हा हा हा ।चलो बेचारे मर्द पर हंसने का एक अवसर तो मिला। आशीर्वाद।
जवाब देंहटाएंbhaijee ee sab batai ke dipression me lai diye huo
जवाब देंहटाएंab to bas....happy mens day....ki khabar dena.....
nahi to kal se ek tippni ka nuksan kare lio ......
bap re bap
pranam.
खुशदीप जी हमारे स्कूल में एक लड़का था स्कूल के साप्ताहिक कल्चरल शो में वो अक्सर एक गाना गया करता था जिसकी कुछ लाइनें मुझें याद हैं -----------
जवाब देंहटाएंयार मेरी घरवाली ने मुझे मारा ,
चकले से मारा बेलन से मारा ,
तवे से कर गयी मुंह काला ,
ओ यार मेरी घरवाली ने मुझे मारा ।
पेंट भी ले गयी , कमीज़ भी ले गयीं,
पाजामे का निकाल गयी नाड़ा ,
ओ यार मेरी घरवाली ने मुझे मारा ।
आदरणीय खुशदीप जी
जवाब देंहटाएंनमस्कार !
...............बहुत आनन्द आया।
पुरुषों की नियति पर बढ़िया हास्य..
जवाब देंहटाएंjabardast.... yuhin muskuraahat baante rahiye
जवाब देंहटाएंच च च च च च....बिचारा मर्द...
जवाब देंहटाएंनीरज
ओह रे कहाँ ठिकाना मिलेगा बेचारे मर्द को .. सही कही आपने. कौन सा रास्ता सही है सोंचकर मर्द बेचारा परेशान ... स्लोग ओवर तगड़ा रन पिटवा गया.....
जवाब देंहटाएं.
सृजन शिखर पर " हम सबके नाम एक शहीद की कविता "
मेरी सहानुभूती बेचारे मर्द नामक जीव के साथ है |
जवाब देंहटाएंहा हा हा .. दुनिया भर के सारे मर्दों से हमारी सहानुभूति रहनी चाहिए !!
जवाब देंहटाएंआपकी इस सुन्दर रचना की चर्चा
जवाब देंहटाएंबुधवार के चर्चामंच पर भी लगाई है!
मेरा ख़्याल है कि अब पुरूषवादी ब्लागों का ज़माना भी आया ही जानो
जवाब देंहटाएंinextricable situations well highlighted!!!
जवाब देंहटाएंek sunder atam chintan.
जवाब देंहटाएंहे हे हे......नो कमेंट्स.
जवाब देंहटाएंअक्षरशः सच लिखा आपने.
जवाब देंहटाएंआपने अपने इस आर्टिकल में जेंडर के बारे में बहुत अच्छी जानकारी दिया है और बड़े ही प्यार से लिखा भी है. आपको देखकर मैं ब्लॉगिंग शुरू किया है. आपके लेख से प्रभावित होकर मैंने मेल फीमेल से संबंधित एक लेख लिखा है. कृपया मेरे वेबसाइट विजिट करें. कोई कमी हो तो कमेंट करके जरूर बताइएगा.
जवाब देंहटाएंधन्यवाद.