tag:blogger.com,1999:blog-3612481285579605340.post7997016082282804271..comments2024-01-01T20:06:53.230+05:30Comments on देशनामा: पत्रकारिता और पेपाराज़्ज़ी का फ़र्क...खुशदीपKhushdeep Sehgalhttp://www.blogger.com/profile/14584664575155747243noreply@blogger.comBlogger16125tag:blogger.com,1999:blog-3612481285579605340.post-49709599096643105102013-05-22T07:00:36.180+05:302013-05-22T07:00:36.180+05:30मीडिया को TRP से मतलब है.वो इसके लिए अपराधी को भी ...मीडिया को TRP से मतलब है.वो इसके लिए अपराधी को भी कैश करा लेता है. उसे देश हित में सोचना चाहिए,बाबा भविष्य वक्ता,कुंडली मारे टीवी दिखते हैं, तो बड़ी कोफ़्त होती है.Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/04732815342314200721noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3612481285579605340.post-55122691775410782672013-05-20T16:48:53.622+05:302013-05-20T16:48:53.622+05:30Ak 56 रखने वाला मीडिया कर्मी की निगाह मैं महान हो ...Ak 56 रखने वाला मीडिया कर्मी की निगाह मैं महान हो सकता है अतंकवादियो को पनाह देने वाला आप मीडिया की निगाह मैं महान हो सकता है हमारे लिए एक आतंकवादी है देश द्रोही है देश भक्त मीडिया को किया करना है वह खुद समझता है नहीं तो मीडिया बिकाऊ है ...<br /><br />जय बाबा बनारस...Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/07499570337873604719noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3612481285579605340.post-82429127143156686002013-05-20T16:11:28.187+05:302013-05-20T16:11:28.187+05:30मीडिया बचा भी है ??? अब तो एकता कपूर के किसी सीरिय...मीडिया बचा भी है ??? अब तो एकता कपूर के किसी सीरियल से कम नहीं लगतीं ख़बरें.shikha varshneyhttps://www.blogger.com/profile/07611846269234719146noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3612481285579605340.post-24830248376745715832013-05-20T10:39:19.312+05:302013-05-20T10:39:19.312+05:30शायद ही सरकार इनकी कारगुजारियों पर बंदिश लगा सके ....शायद ही सरकार इनकी कारगुजारियों पर बंदिश लगा सके ...<br />जिगर चाहिए ... Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3612481285579605340.post-24815413159887609692013-05-20T09:54:55.145+05:302013-05-20T09:54:55.145+05:30क्या मीडिया को खुद ही कोई आत्मसंयमन या नियमन का रा...क्या मीडिया को खुद ही कोई आत्मसंयमन या नियमन का रास्ता नही निकाल लेना चाहिए...<br />..यही तो वो विकट प्रश्न है खुशदीप भाई जिसका उत्तर तलाशा जाना चाहिए और न सिर्फ़ मीडिया बल्कि हर क्षेत्र के लिए , अफ़सोस कि कहीं भी ये सोचा नहीं जा रहा है अजय कुमार झाhttps://www.blogger.com/profile/16451273945870935357noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3612481285579605340.post-70508753130558611852013-05-19T21:19:37.567+05:302013-05-19T21:19:37.567+05:30मीडिय खुद अपने पेट और टी.आर.पी. पर लात कैसे मारे?मीडिय खुद अपने पेट और टी.आर.पी. पर लात कैसे मारे?अनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3612481285579605340.post-56106560676676733672013-05-19T20:41:02.130+05:302013-05-19T20:41:02.130+05:30मीडिया की चिंताजनक दीवानगी.मीडिया की चिंताजनक दीवानगी.Rahul Singhhttps://www.blogger.com/profile/16364670995288781667noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3612481285579605340.post-57117878127915565152013-05-19T19:06:27.355+05:302013-05-19T19:06:27.355+05:30व्यवसायिकता , पैसा , प्रतिद्वंदता -- शायद ये सब ज...व्यवसायिकता , पैसा , प्रतिद्वंदता -- शायद ये सब जिम्मेदार हैं इन पागलों जैसी हरकतों के लिए। सेलेब्रिटी होना भी एक अभिशाप सा हो जाता है। डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3612481285579605340.post-91215847383737208252013-05-19T13:46:16.848+05:302013-05-19T13:46:16.848+05:30.सार्थक प्रस्तुति.आभार . हम हिंदी चिट्ठाकार हैं..सार्थक प्रस्तुति.आभार .<a href="http://www.facebook.com/HINDIBLOGGERSPAGE" rel="nofollow"> हम हिंदी चिट्ठाकार हैं.</a>Shikha Kaushikhttps://www.blogger.com/profile/12226022322607540851noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3612481285579605340.post-2373334414053855992013-05-19T12:48:44.056+05:302013-05-19T12:48:44.056+05:30कवरेज के लिए किसी भी सीमा पर चले जाना एक बात है ले...कवरेज के लिए किसी भी सीमा पर चले जाना एक बात है लेकिन कवरेज करते समय यह भूल जाना कि कवरेज के दोनों मुहानों पर इंसान ही हैं । सबसे पहले हमने ख़बर दिखाई का बार-बार उद्घोष करना अपने मियां मिठ्ठु बनने वाली बात है । पत्रकारिता में घुस आई इस पेपाराज़्जी के कारण अनेक अप्रिय घटनाएं सामने आती रहती हैं । इस संदर्भ में मीडिया को गंभीरता से चिंतन करना चाहिए कि छोटी से छोटी बात को भी ब्रेकिंग या सबसे पहले जैसी वाक्यों को हर दिन उच्चारित करने से उसकी अहमियत खत्म हो रही है । और कवरेज के दौरान इंसान होने का अहसास हमेशा रहना चाहिए । chander prakashhttps://www.blogger.com/profile/16586873289693565579noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3612481285579605340.post-31651204235408441702013-05-19T11:33:01.136+05:302013-05-19T11:33:01.136+05:30सारी ऊर्जा जहाँ देना चाहिये, वहाँ नहीं दे पाते हैं...सारी ऊर्जा जहाँ देना चाहिये, वहाँ नहीं दे पाते हैं।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3612481285579605340.post-57923778816075160122013-05-19T10:58:26.136+05:302013-05-19T10:58:26.136+05:30क्या कहा जाये? मिडिया कर्मी भी इतने उत्साहित हो जा...क्या कहा जाये? मिडिया कर्मी भी इतने उत्साहित हो जाते हैं तो फ़िर सामान्य जनता को क्या कहा जाये? हालात वाकई वैसे ही हैं जैसे आपने बयान किये हैं.<br /><br />रामराम. ताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3612481285579605340.post-64880192824351880642013-05-19T09:53:02.373+05:302013-05-19T09:53:02.373+05:30गलती तो सब करते हैं इसलिए सुधारना सबको है.अति से ...गलती तो सब करते हैं इसलिए सुधारना सबको है.अति से बचना होगा.<br /> डैश बोर्ड पर पाता हूँ आपकी रचना, अनुशरण कर ब्लॉग को <br />अनुशरण कर मेरे ब्लॉग को अनुभव करे मेरी अनुभूति को<br />latest post<a href="http://vichar-anubhuti.blogspot.in/2013/05/blog-post_19.html#links" rel="nofollow">अनुभूति : विविधा</a><br />latest post<a href="http://kpk-vichar.blogspot.in/2013/05/blog-post_18.html#links" rel="nofollow"> वटवृक्ष</a><br />कालीपद "प्रसाद"https://www.blogger.com/profile/09952043082177738277noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3612481285579605340.post-77232141774567269592013-05-19T08:59:36.504+05:302013-05-19T08:59:36.504+05:30मीडिया ही सुधर जाए तो फिर देश भी सुधर जाएगा। मीडिया ही सुधर जाए तो फिर देश भी सुधर जाएगा। अजित गुप्ता का कोनाhttps://www.blogger.com/profile/02729879703297154634noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3612481285579605340.post-31205054264144837592013-05-19T06:34:48.832+05:302013-05-19T06:34:48.832+05:30सही है, मगर हमने जिस तरह का समाज बनाया है उस में अ...सही है, मगर हमने जिस तरह का समाज बनाया है उस में अभी ये पेपाराज्जी बहुत चलना है।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3612481285579605340.post-37686491104711723342013-05-19T01:48:23.420+05:302013-05-19T01:48:23.420+05:30.पूर्णतया सहमत बिल्कुल सही कहा है आपने . जानकी जयं....पूर्णतया सहमत बिल्कुल सही कहा है आपने . जानकी जयंती की शुभकामनायें ..आभार . <a href="http://shalinikaushik2.blogspot.com" rel="nofollow">मेरी किस्मत ही ऐसी है .<br /></a><br />Shalini kaushikhttps://www.blogger.com/profile/10658173994055597441noreply@blogger.com